🕉️ Ramrajya Establishment: श्रीराम मंदिर के बाद अब संकल्प है राष्ट्र में रामराज्य की स्थापना का
🕉️ Ramrajya Establishment: हनुमान जयंती के पावन अवसर पर हिंदू जनजागृति समिति एवं समविचारी हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों के संयुक्त सहयोग से पूरे देश में 500 स्थानों पर सामूहिक गदा पूजन का आयोजन किया गया। इसी क्रम में झारखंड राज्य के 20 स्थानों पर भी यह आयोजन अत्यंत उत्साह एवं श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के पश्चात संपूर्ण राष्ट्र में रामराज्य की स्थापना के उद्देश्य से किया गया, जिसमें विशेष रूप से युवाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक शंखनाद से हुई, जिसने वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। इसके पश्चात सामूहिक प्रार्थना, विधिवत गदा पूजन, श्री हनुमानजी की आरती, मारुति स्तोत्र का पाठ तथा “श्री हनुमते नमः” नामजप किया गया। इस पूरे आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करना नहीं था, बल्कि समाज में शौर्य, निष्ठा और धर्मरक्षा का संकल्प भी पुनः जागृत करना था।
रामराज्य की स्थापना में हनुमानी गुणों की भूमिका
कार्यक्रम के दौरान “रामराज्य की स्थापना हेतु श्री हनुमान के गुण कैसे आत्मसात करें” विषय पर भी प्रेरणादायी मार्गदर्शन दिया गया। वक्ताओं ने हनुमानजी के बल, भक्ति, निष्ठा और त्याग के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि राष्ट्र निर्माण के लिए हर व्यक्ति को इन गुणों को अपने जीवन में उतारना होगा। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से रामराज्य की स्थापना हेतु प्रतिज्ञा ली।
हनुमान की गदा—धर्मरक्षा का प्रतीक
हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री रमेश शिंदे ने इस आयोजन के पीछे की भावना को स्पष्ट करते हुए कहा, “हनुमान की गदा सिर्फ युद्ध का अस्त्र नहीं, बल्कि धर्मरक्षा का संकल्प, अन्याय के विरुद्ध खड़े होने का साहस और प्रभु श्रीराम के कार्यों को पूर्ण करने की ऊर्जा का प्रतीक है। अयोध्या में श्रीरामलल्ला की स्थापना एक ऐतिहासिक क्षण है, परंतु रामराज्य का निर्माण अभी बाकी है, और वह कार्य हम सबके कंधों पर है।”
युवाओं की भागीदारी बनी आयोजन की विशेषता
झारखंड के विभिन्न जिलों में आयोजित गदा पूजन में युवाओं की विशेष भागीदारी ने इस आयोजन को नई ऊर्जा दी। उन्होंने हनुमानजी के आदर्शों से प्रेरित होकर राष्ट्र, संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए स्वयं को समर्पित करने की भावना व्यक्त की।