रेलवे संशोधन अधिनियम 2025: भारतीय रेलवे के विकास और आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए रेलवे संशोधन अधिनियम 2025 को पारित कर दिया गया है। यह विधेयक यात्रियों को अधिक सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ रेलवे के बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण में भी सहायक साबित होगा। इसके तहत कवच 4.0 तकनीक को अपनाने की मंजूरी दी गई है, जिससे ट्रेन हादसों को रोकने में मदद मिलेगी।
रेलवे को मिलेगा अधिक स्वायत्तता
रेलवे (संशोधन) विधेयक 2025 के लागू होने से रेलवे जोनों को अधिक शक्ति और स्वायत्तता मिलेगी। अब प्रत्येक रेलवे जोन के महाप्रबंधक (GM) को 1,000 करोड़ रुपये तक के प्रोजेक्ट को मंजूरी देने का अधिकार होगा। इससे रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर त्वरित निर्णय लिए जा सकेंगे। पहले, रेलवे बोर्ड से मंजूरी लेनी पड़ती थी, जिससे कार्यों में देरी होती थी।
हादसों की रोकथाम के लिए कवच 4.0 तकनीक
रेलवे दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कवच 4.0 तकनीक को स्वीकृति दी गई है। इसके लिए 10,000 किलोमीटर ट्रैक पर कवच तकनीक लागू करने के लिए टेंडर जारी किया जा चुका है, जिसे आगामी पांच वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे रेलगाड़ियों की टक्कर जैसी घटनाओं को रोका जा सकेगा और सुरक्षा के स्तर में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
नई रेल लाइनों और स्टेशनों का होगा विकास
इस विधेयक के तहत नई रेल लाइनों के निर्माण और स्टेशनों के पुनर्विकास कार्यों में तेजी लाई जाएगी। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत 1,337 स्टेशनों के रिडेवलपमेंट की प्रक्रिया को गति देने का निर्णय लिया गया है। रेलवे स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि इस योजना का विस्तार किया जाए, ताकि पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों के अधिक रेलवे स्टेशनों को भी विकसित किया जा सके।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल को मिलेगा बढ़ावा
रेल मंत्रालय को स्टेशन पुनर्विकास परियोजनाओं में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, जिससे रेलवे का बजटीय भार कम हो और अधिक संसाधनों का उपयोग किया जा सके।
नए अधिनियम से रेलवे प्रशासन में होगा सुधार
अब रेलवे बोर्ड के प्रावधानों को रेलवे अधिनियम, 1989 में शामिल किया गया है। इससे पुराने प्रावधानों को हटाकर एकीकृत अधिनियम लागू किया जाएगा, जिससे रेलवे प्रशासन में पारदर्शिता और सुगमता आएगी।