संसद परिसर में हंगामा: संसद परिसर में गुरुवार सुबह हुए धक्का-मुक्की के मामले ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत को धक्का दिया, जिससे दोनों घायल हो गए। वहीं, राहुल गांधी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि भाजपा सांसदों ने उन्हें संसद में प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की और उनके साथ धक्का-मुक्की की।
धक्का-मुक्की के आरोप: दोनों पक्षों की दलीलें
भाजपा का पक्ष:
भाजपा सांसद प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत का आरोप है कि राहुल गांधी ने उन्हें जानबूझकर धक्का दिया, जिससे प्रताप सारंगी गिर गए और उनके सिर में चोट आई। घायल सांसदों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज किया गया। भाजपा के कई नेता अस्पताल पहुंचकर उनका हालचाल जानने आए।
राहुल गांधी का पक्ष:
राहुल गांधी ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि मकर द्वार से संसद में प्रवेश करते समय भाजपा सांसदों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और उनके साथ जबरदस्ती की। राहुल ने कहा,
“जब हम अंदर जा रहे थे, तभी भाजपा के लोग हमें रोक रहे थे और हमारे साथ धक्का-मुक्की कर रहे थे। यह सब कैमरे में कैद है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह संविधान पर हमला है और बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान है।
संसद के बाहर भी गरमाई राजनीति
इस घटना के बाद राजनीतिक पारा चढ़ गया है। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र और संविधान पर हमला बताया, जबकि भाजपा ने राहुल गांधी के व्यवहार को गैर-जिम्मेदाराना करार दिया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह घटना जानबूझकर की गई, ताकि विपक्ष की आवाज दबाई जा सके।
वहीं, भाजपा सांसदों का कहना है कि राहुल गांधी ने स्वयं धक्का-मुक्की की शुरुआत की, जिससे यह स्थिति पैदा हुई।
सियासी विवाद का असर
संसद परिसर में हुई इस घटना ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाएंगे। धक्का-मुक्की के आरोपों की सच्चाई कैमरे की रिकॉर्डिंग और जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।