श्रीमद्भागवत के प्रति कभी भी मन में अनिष्ठा नहीं होनी चाहिए:देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

निरसा। देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के पावन सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा का विशाल एवं भव्य आयोजन 22 से 28 अप्रैल 2024 तक तिलतोड़िया निरसा में किया जा रहा है । पूज्य महाराज के श्रीमुख से की जा रही श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कर अपने जीवन को कृतार्थ करें। श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिवस की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज ने कथा पंडाल में बैठे सभी भक्तों को ” हरे कृष्णा हरे रामा ” भजन श्रवण कराया। आज हिन्दुओं का विनाश इसलिए हो रहा है क्योंकि हिन्दुओं ने अपने ऋषि- मुनियों के बताये हुए मार्ग का त्याग कर दिया है। अब हिन्दुओं के घरों से रामायण, गीता, हनुमान चालीसा गायब हो गया है। भगवान की कथा मनुष्य के अपवित्र मन को निर्मल कर देती है। भगवान की कथा ही मनुष्य को कल्याण और सही दिशा में ले जा सकती है। भगवान को कपटी व्यक्ति और कपटी मन बिल्कुल पसंद नहीं होते हैं। अगर हमारे मन में सत्संग के प्रति अनिष्ठा होती है तो यही से हमारे मन में पाप का उदय है। सत्संग से मनुष्य को सत्य और असत्य का बोध होता है। जैसे मनुष्य के लिए जीवन जरूरी है वैसे ही उस जीवन के लिए सत्संग का होना बहुत जरूरी है। भागवत सुनने से मनुष्य को मनचाहा फल प्राप्त होता है लेकिन मनुष्य को कथा पूरे साथ दिन तक सुननी पड़ेगी। श्रीमद भागवत

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