Sindri News: सिंदरी जो एशिया के पटल पर औद्योगिक नगरी के नाम से विख्यात है, अब आध्यात्म के लिए धीरे धीरे जाना जाने लगा है। 2 मई को सिंदरी के एल टाइप कॉलोनी में द्वापरयुग के देव श्री कृष्ण का मंदिर का निर्माण करवाया एवं उस स्थान को अपनी दिवंगत माता एवं वर्तमान में बेटे के कंधे से कंधा मिला कर कार्य करनेवाले पिता के नाम मीरा मोहन धाम के नाम पर रखा है।
प्रतिदिन सैकड़ों भक्तजन आते हैं और पूजा पाठ के बाद जाने वक्त कह जाते हैं कि मंदिर धनबाद में सैकड़ों है किन्तु इस मंदिर की बात ही अनोखी है। यहाँ पर शांति एवं सकारात्मक ऊर्जा का श्रोत महसूस होता है, जो अद्भुत और अनोखा है।
इसी बीच राधे – मोहन मंदिर के संथापक गौरव वक्ष ने बाबा स्थान देवघर में सनातनियों के गर्व स्वामी कैलाशानन्द जो हरिद्वार स्थित काली मंदिर के प्रमुख हैँ उनको सिंदरी के मंदिर मीरा मोहन धाम में आमंत्रित किया, जिसे वे स्वीकार कर बताया कि श्री कृष्ण के जन्माष्टमी के दिन वे पधारेंगे।
कौन हैं स्वामी कैलाशानंद गिरि जी?
स्वामी कैलाशानंद गिरि जी को महाराज के नाम से भी जाना जाता है, निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं। वे लाखों नागा साधुओं और हजारों महामंडलेश्वरों के गुरु हैं। कैलाशानंद गिरि जी एक प्रतिष्ठित हिंदू संत, योग गुरु और विद्वान हैं. वे हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत भाषाओं में लेखन करते हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति, परंपराओं और प्राचीन वैदिक सनातन धर्म पर आधारित कई पुस्तकें लिखी हैं।
संत कैलाशानंद गिरि जी, लक्की सिंह से मिल कर प्रभावित हुए एवं उनके गौरवपूर्ण कार्य की सराहना की एवं आशीर्वाद दिया।