Sindri News || सिंदरी, 11 दिसंबर 2024 – बीआईटी सिंदरी के असैनिक अभियंत्रण विभाग में झारखंड विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार परिषद, रांची द्वारा प्रायोजित पाँच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। “रिमोट सेंसिंग और जीआईएस का अनुसंधान में अनुप्रयोग” विषय पर आधारित इस कार्यशाला के तीसरे दिन विशेषज्ञ व्याख्यान श्रृंखला आयोजित की गई।
पहले सत्र की मुख्य बातें
कार्यशाला के पहले सत्र में, बीआईटी सिंदरी के सहप्राध्यापक डॉ. ब्रह्मदेव यादव और कृषि विज्ञान केंद्र, ओयूएटी, भुवनेश्वर की वैज्ञानिक डॉ. सुचारिता प्रधान ने अपने विचार साझा किए।
डॉ. ब्रह्मदेव यादव ने अपने व्याख्यान में “मृदा मानचित्रण में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस का अनुप्रयोग” विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने शहरी क्षेत्रों की भू-तकनीकी समस्याओं, मृदा क्षरण जोखिम मूल्यांकन, और झरिया कोल फील्ड के उदाहरणों के माध्यम से रिमोट सेंसिंग और जीआईएस की उपयोगिता पर चर्चा की। उनकी प्रस्तुति ने मृदा गुणों के मानचित्रण और कृषि तथा पर्यावरणीय नियोजन में इसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया।
सत्र के अंत में, सहायक प्राध्यापक प्रो. प्रशांत रंजन मालवीय ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि इस व्याख्यान का विषय विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट्स और शोध कार्यों में बेहद सहायक सिद्ध होगा।
डॉ. सुचारिता प्रधान ने “जलग्रहण क्षेत्र योजना और प्रबंधन में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस के अनुप्रयोग” पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में वॉटरशेड प्लानिंग पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षण भी दिया। सत्र की समन्वयक डॉ. कोमल कुमारी ने वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।
दूसरे सत्र की विशेषताएं
दूसरे सत्र में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े विशेषज्ञों ने ज्ञानवर्धक व्याख्यान प्रस्तुत किए।
- डॉ. उदय मंडल, वरिष्ठ वैज्ञानिक, S&WC इंजीनियरिंग ICAR-IISWC, ने “ग्राउंड वॉटर पोटेंशियल जोन मैपिंग में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस” पर चर्चा की।
- डॉ. रत्नाकर स्वाइन, एनआईटी राउरकेला, ने “बाढ़ प्रबंधन में एसएआर इमेजरी के अनुप्रयोग” विषय पर अपने अनुभव साझा किए।
- डॉ. सतीप्रसाद साहू, जल संसाधन अभियंता, ICARDA, इजिप्ट, ने “विजुअल इंटरप्रिटेशन ऑफ मल्टी स्पेक्ट्रल इमेज क्लासीफिकेशन” पर विस्तृत जानकारी देते हुए प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
सत्र के अंत में, कार्यशाला के समन्वयक प्रो. इकबाल शेख ने वक्ताओं को धन्यवाद दिया।
कार्यशाला का समापन और सफलता
कार्यशाला के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. जीतू कुजूर ने आयोजन समिति और प्रतिभागियों को बधाई दी। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता का श्रेय संस्थान के विभिन्न विभागों के शिक्षकों, विद्यार्थियों और आयोजकों को दिया।
इस कार्यशाला में संस्थान के स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के साथ-साथ अन्य संस्थानों के छात्रों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की सफलता में प्रो. (डॉ.) उदय कुमार सिंह, प्रो. प्रफुल्ल कुमार शर्मा, डॉ. माया राजनारायण रे, डॉ. निशिकांत किस्कु, और प्रो. सरोज मीणा का अहम योगदान रहा।
इस पाँच दिवसीय कार्यशाला ने रिमोट सेंसिंग और जीआईएस जैसे आधुनिक तकनीकों के अनुप्रयोगों को समझने का अवसर प्रदान किया। यह आयोजन शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए अपने ज्ञान को विकसित करने और अनुसंधान के नए आयाम तलाशने में सहायक सिद्ध हुआ।