Sri Varaha Lakshmi Narasimha Swamy Temple: आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में बुधवार तड़के चंदनोत्सवम के दौरान एक भयंकर हादसा हुआ, जिसमें कम से कम आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई। यह दुर्घटना तड़के लगभग 2:30 बजे हुई, जब भारी बारिश के कारण मंदिर के कतार मार्ग के पास स्थित एक दीवार अचानक गिर गई। इस दीवार के गिरने से शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के पास खड़े श्रद्धालुओं पर मलबा गिरा, जिससे यह दुखद हादसा हुआ।
चंदनोत्सवम के दौरान हादसा: बारिश के कारण दीवार गिरने का कारण
बताया जा रहा है कि यह दीवार नई बनी थी, और भारी बारिश के कारण मिट्टी ढीली हो गई थी, जिसके चलते दीवार गिर गई। यह हादसा उस समय हुआ जब श्रद्धालु निज रूप दर्शन के लिए कतार में खड़े थे। इस घटना में तीन महिलाओं की मौत की पुष्टि हुई है और शवों को किंग जॉर्ज अस्पताल, विशाखापत्तनम भेजा गया है, जहां घायलों का इलाज जारी है।
गृह मंत्री ने किया स्थल का दौरा, राहत कार्य जारी
राज्य की गृह मंत्री वंगलापुडी अनीता ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और बताया कि यह दुर्घटना बारिश और श्रद्धालुओं के दबाव के कारण हुई। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु 300 रुपये के विशेष दर्शन टिकट के साथ कतार में खड़े थे, और दीवार बारिश के कारण कमजोर हो चुकी थी। घटना के बाद एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। विशाखापत्तनम के जिला कलेक्टर हरेन्धिर प्रसाद और पुलिस आयुक्त शंख ब्रत बागची भी मौके पर पहुंचे और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
चंदनोत्सवम: सिंहाचलम मंदिर का वार्षिक पर्व
चंदनोत्सवम पर्व सिंहाचलम मंदिर का वार्षिक पर्व है, जिसमें भगवान नरसिंह स्वामी को एक साल में एक बार चंदन लेप हटाकर उनके निज रूप में भक्तों को दर्शन कराए जाते हैं। यह अवसर हजारों श्रद्धालुओं के लिए बेहद शुभ और दुर्लभ माना जाता है। मंगलवार रात को सुप्रभात सेवा के साथ भगवान को जागाया गया और विशेष चांदी के उपकरणों से चंदन लेप हटाकर निज रूप दर्शन कराया गया। इसके बाद विधिवत अभिषेक और अन्य वैदिक अनुष्ठान संपन्न हुए।
निष्कर्ष
Sri Varaha Lakshmi Narasimha Swamy Temple में हुई यह दुर्घटना न केवल एक दर्दनाक हादसा है, बल्कि भक्तों और प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान सुरक्षा के इंतजाम और स्थानीय बुनियादी ढांचे को लेकर अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। यह घटना श्रद्धालुओं और प्रशासन दोनों के लिए एक कड़ी सीख है, और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।