Topchanchi News || रामाकुंडा पंचायत में पेयजल संकट: दो सप्ताह से जलमीनार बंद

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Topchanchi News || तोपचांची प्रखंड की रामाकुंडा पंचायत के आमटांड़ आदिवासी टोला के करीब 250 परिवारों को इन दिनों पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जलमीनार की मोटर पिछले दो सप्ताह से खराब पड़ी है, जिससे ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। सरकार द्वारा लाखों रुपये खर्च कर बनाई गई इस जलमीनार का उद्देश्य ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था, लेकिन मोटर खराब होने के कारण यह सुविधा ठप हो गई है।

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ग्रामीणों की स्थिति

  • पानी के लिए संघर्ष:
    जलमीनार बंद होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। पास में कोई वैकल्पिक साधन न होने के कारण महिलाएं और बच्चे दूर-दराज के क्षेत्रों से पानी लाने को मजबूर हैं।
  • स्वास्थ्य पर खतरा:
    स्वच्छ पानी न मिलने से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार अधिकारियों को इसकी सूचना दे चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

तोपचांची उप प्रमुख का दौरा

शुक्रवार को तोपचांची के उप प्रमुख हेमलाल महतो ने आमटांड़ का दौरा किया और समस्या की जानकारी ली।

  1. ग्रामीणों से चर्चा:
    उन्होंने ग्रामीणों से मिलकर उनकी परेशानियों को समझा।
  2. अधिकारियों से संपर्क:
    उन्होंने पीएचईडी के जेई से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन बंद था।
  3. एसडीओ से वार्ता:
    उप प्रमुख ने विभाग के एसडीओ को फोन कर पेयजल संकट की गंभीरता से अवगत कराया। एसडीओ ने जल्द ही इस समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया।

पेयजल संकट के समाधान की उम्मीद

  • जल्द मरम्मत का आश्वासन:
    विभाग के अधिकारियों ने मोटर की मरम्मत और जलमीनार को पुनः चालू करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का भरोसा दिलाया है।
  • स्थायी समाधान की मांग:
    ग्रामीणों ने मांग की है कि ऐसी समस्याओं से बचने के लिए जलमीनार की नियमित देखभाल और रखरखाव पर ध्यान दिया जाए।

सरकार और प्रशासन के प्रति अपेक्षाएं

इस घटना ने सरकारी योजनाओं के रखरखाव में लापरवाही को उजागर किया है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी जैसी बुनियादी जरूरत के लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है, जो चिंताजनक है।

  • योजनाओं का क्रियान्वयन:
    प्रशासन को ऐसी योजनाओं का उचित संचालन और निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए।
  • ग्रामीणों को राहत:
    समय पर समस्या का समाधान कर ग्रामीणों को राहत पहुंचाई जाए।


आमटांड़ आदिवासी टोला में पेयजल संकट न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि यह ग्रामीण विकास के लिए एक बड़ी चुनौती भी है। उम्मीद है कि अधिकारियों के आश्वासन के बाद जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा और ग्रामीणों को स्वच्छ पानी की सुविधा फिर से मिल सकेगी