परदेस में रोजगार की तलाश में गए एक युवा की असमय मृत्यु ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया है। गोमो क्षेत्र के खेराबेड़ा गांव में जब कुवैत से 17 दिनों बाद युवक का शव पहुंचा, तो हर आंख नम हो गई। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
विदेश में मजदूरी के दौरान हुई दर्दनाक मौत
धनबाद जिले के गोमो इलाके की चैता पंचायत अंतर्गत खेराबेड़ा गांव निवासी जागेश्वर महतो के पुत्र रंजीत कुमार महतो (26 वर्ष) का शव 17 दिन बाद कुवैत से उसके गांव पहुंचा। रंजीत करीब नौ माह पहले अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से कुवैत मजदूरी करने गया था। वहां वह एक कंपनी, कलपतरू में कार्यरत था।
नौ अप्रैल को कार्यस्थल पर एक दुखद हादसा हुआ। काम के दौरान सहकर्मियों की गलती के कारण रंजीत लगभग 400 फीट ऊंचाई से गिर पड़ा और घटनास्थल पर ही उसकी मृत्यु हो गई। हादसे के बाद परिवार पर दुखों का साया मंडराने लगा और अब शव के गांव पहुंचने के बाद मातम गहरा गया।
परिवार का रो-रो कर बुरा हाल
शव देखते ही पूरे परिवार का दर्द फूट पड़ा। रंजीत की मां दुलाली देवी और पत्नी गीता देवी सदमे में बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। अपने पीछे रंजीत तीन छोटे बच्चों — सृष्टि (6 वर्ष), सुरभि (4 वर्ष) और सौरभ महतो (2 वर्ष) को छोड़ गया है।
रंजीत अपने तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। दूसरा भाई राजकुमार महतो स्नातक की पढ़ाई कर रहा है, जबकि सबसे छोटा भाई गौरी शंकर महतो 11वीं कक्षा का छात्र है। अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी रंजीत के नन्हे कंधों पर थी, लेकिन नियति ने उन्हें बीच राह में अकेला छोड़ दिया।
गांव में शोक की लहर, जनप्रतिनिधियों ने दी सांत्वना
रंजीत की असामयिक मृत्यु से गांव में शोक की लहर दौड़ गई। स्थानीय सांसद प्रतिनिधि सुभाष रवानी, पंचायत समिति सदस्य रामचंद्र ठाकुर, पूर्व मुखिया प्रेमचंद महतो और पूर्व उपमुखिया फरकेश्वर महतो सहित कई जनप्रतिनिधि शोकाकुल परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें ढांढस बंधाया।