DHANBAD | अधिक राजस्व देने के बाद भी छिनती जा रही हैं धनबाद की खुशियाँ! पहले एयरपोर्ट छिना, फिर टूटी एम्स की आस और अब वंदे भारत ट्रेन का ठेंगा!

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DHANBAD | धनबाद को विकास की जरूरत है. इसकी खूबसूरती को चार चांद लगाने की आवश्यकता है. लेकिन बीते कई वर्षों से इसका उलटा हो रहा है. कोयलांचल की खुशियां छिनती जा रही हैं. पहले एयरपोर्ट छिन गया, फिर एम्स की आस टूट गई और अब वंदे भारत ट्रेन को धनबाद में रेड सिग्नल दिखा दिया गया. यहां के जनप्रतिनिधि और ब्यूरोक्रेटस ताकते रह गए. कोविड काल से ही धनबाद की पटरियों से कई ट्रेने गायब हो गईं. वंदे भारत के मामले में रेलवे की बेरूखी से नई ट्रेनों की आस ही जैसे टूट सी गई है. क्या कहते हैं कोयलांचलवासी-
दशकों से केवल सुविधाएं छीनने का ही किया गया काम : संजीव चौरसिया
पार्क मार्केट चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष संजीव चौरसिया ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधि किसी काम के नहीं हैं. ये न तो एम्स को धनबाद ला सके और न ही एयरपोर्ट को और अब वंदे भारत ट्रेन भी धनबाद की पटरी से छिन गई. यही हाल रहा तो धनबाद पहले भी कोयला के लिए ही जाना जाता था और आने वाले समय में भी कोयला के लिए ही जाना जाएगा. दूसरे राज्य विकसित होते जा रहे हैं और झारखंड का ऊर्जावान धनबाद हर मामले में पिछड़ता जा रहा है. हम केवल राजस्व देने के लिए रह गए हैं.
पहले ही बहुत कुछ खो चुके हैं, अब तो इसकी आदत सी हो गई है : प्रमोद गोयल
बैंक मोड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रमोद गोयल ने कहा कि बड़े-बड़े पहाड़ खो दिए हैं, तो वंदे भारत ट्रेन खो देने का दुख क्या मनाएं. इससे पहले भी हमने दूरंतो, एम्स और एयरपोर्ट खोया है. धनबाद वासियों को मिला है तो केवल रंगदरी और गुंडागर्दी जैसा अभिशाप. अब तो यह डर लगा रहता है कि कहीं यहां जो है वह भी दूसरे शहरों में ना चला जाए. कहीं आईआईटी-आईएसम न खो दें. यही हाल रहा तो धनबाद हिस्ट्रिकल प्लेस में तब्दील हो जाएगा. इन स्थितियों के लिए यहां के जनप्रतिनिधि और ब्यूरोक्रेट्स जिम्मेदार हैं.
धनबाद कोयलांचल ने केवल खोना ही सीखा है, छिनती जा रहीं सुविधाएं : सुब्रतो बनर्जी
धनबाद कोर्ट में वकालत करने वाले सुब्रतो बनर्जी बताते हैं कि धनबाद ने केवल खोना ही सीखा है. कुछ पाने की इच्छा ही बेकार है. केवल वंदे भारत ही क्यों कोविड काल से अब तक कई महत्वपूर्ण ट्रेनें धनबाद से छिन गईं. ऐसा ही चलता रहा तो धनबाद का रेलवे स्टेशन भी बाद में हॉल्ट में न बदल जाए. धनबाद शिक्षा और स्वास्थ्य में भी पिछड़ चुका है. पर्यटन स्थल के विकास के साथ और भी बहुत कुछ है जो हमसे दूर होते जा रहा है.
वंदे भारत धनबाद को नहीं मिलना अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है : दिनेश हेलीवाल
मटकुरिया चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष दिनेश हेलीवाल कहते हैं कि वंदे भारत ट्रेन नहीं मिलना धनबाद का दुर्भाग्य है. झारखंड में रेलमंडल के हिसाब से धनबाद राजस्व देने वाला सबसे बड़ा जिला है. ऐसे में धनबाद के साथ गलत हो रहा है. दिल्ली और मुंबई के लिए डायरेक्ट ट्रेन भी अब तक नहीं मिली. व्यापारियों के लिए कोलकाता सबसे नजदीक बाजार है. रोजी-रोजगार के लिए रोज व्यापारी वहां आना-जाना करते हैं. वंदे भारत ट्रेन धनबाद के लोगों को मिलनी ही चाहिए थी. (साभार)

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