JHARIA : बेलगड़ि‍या टाउनशिप में दलित शोषण मुक्ति मंच के बैनर तले  सभा का किया गया आयोजन

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महामहिम राष्ट्रपति को झरिया के ज्वलंत से जुड़ी सौंपा जाएगा मांगपत्र:शिबालक पासवान

झरिया। बलियापुर प्रखंड अंतर्गत बेलगड़ीया टाउनशिप में दलित शोषण मुक्ति मंच के बैनर तले  बुधवार को सभा का आयोजन किया गया।  सभा की अध्यक्षता कृष्णा पासवान ने की। सर्वप्रथम दलितों गरीबों शोषितों, पीड़ितों एवं मजदूरों के नेता कॉमरेड बासुदेव आचार्य के निधन पर 1 मिनट का मौन रखकर शोक संवेदना व्यक्त किया। दलित शोषण मुक्ति मंच के धनबाद जिला कमेटी के सदस्य मोहन भूईंया ने सर्वप्रथम सभा में उपस्थित लोगों को जय भीम, लाल सलाम नारा से स्वागत किया। तत्पश्चात  बेलगड़ीया की वर्तमान समस्याओं को काफी विस्तार से रखते हुए  लोगों को जीवन यापन की स्थिति साझा किया। दलित शोषण मुक्ति मंच के राज्यध्यक्ष एवं  झरिया  कोलफील्ड बचाओ समिति के उपाध्यक्ष शिव बालक पासवान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की अग्नि प्रभावित क्षेत्र के लोगों को बेलगड़ीया में जो मेरा उद्देश्य था। पुनर्वास का वह अधूरा ही रह गया क्योंकि हमारी समझ थी की विस्थापन के साथ रोजगार की मुकम्मल व्यवस्था होगी, लेकिन राज्य और केंद्र सरकार ने दुनिया का घटिया पुनर्वास और आवास आवंटन किया जिसकी उम्र बहुत कम है। क्योंकि यहां अधिकतर दलित, शोषित वर्ग, की संख्या है ऐसे में इनलोंगों को जीवन यापन करने में काफी कठिनाइयों और विकट परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है। रोजी-रोटी  की व्यवस्था  के लिए झरिया तथा धनबाद की ओर दौड़ना पड़ता है। इस इलाके क्षेत्र में चारों ओर गांव है। ग्रामीण लोगों के पास थोड़ी खेती करने का कुछ  जुगाढ़  है उनका भी जीवन स्तर बेहतर नहीं है। इसीलिए इस क्षेत्र में कुटीर उद्योग,  सुनिश्चित करने की जरूरत है नहीं तो आने वाले दिनों में अराजकता की स्थिति होगी जो इस देश की  केंद्र और राज्य सरकार के मुख्य करण होंगे, सामाजिक, बौद्धिक विकास, आर्थिक  तीनों मुद्दों से यहां के लोग वंचित हैं सिर्फ जीना है लेकिन यहां जीने का जो बेहतर सुविधा होनी चाहिए अधूरा है। आगे पासवान ने कहा कि देश का संविधान जो बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की नेतृत्व में बना था आज  आरएसएस समर्थित, मनुवादी की सरकार संविधान बदलने की साजिश कर रही है तथा सरकार आज असंवैधानिक कार्यों में जुड़े हुए हैं। देश संविधान से चलेगा यदि संविधान बदलने की भाजपा की सरकार कोशिश करती है तो देश में  बगावत होगी जिसका दुष्परिणाम  केंद्र सरकार और आरएसएस को भोगना पढे़गा। इसीलिए संविधान की रक्षा, लोकतंत्र की रक्षा, भाईचारा की रक्षा, गंगा जमुना तहजीब और अपने अधिकारी को सुरक्षित रखने के लिए दलित शोषण मुक्ति मंच ने आह्वान किया की 25 राज्यों के करीब 100 से अधिक संगठनों ने हैदराबाद में संकल्प लिया था और अभियान एक करोड़ एक हस्ताक्षर किया जा रहा है केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से जुड़े हुए ज्वलंत मुद्दों, देश में बढ़ते दलित  उत्पीड़न और संविधान बदलने की साजिश, एससी एसटी, पिछड़ों अल्पसंख्यकों की योजनाओं में कटौती और आरक्षण की रक्षा के लिए, संविधान बचाओ लोकतंत्र बचाओ के साथ, नई शिक्षा नीति को वापस लो और सभी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ों अल्पसंख्यक के लिए मुफ्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की गारंटी दे। पर्याप्त छात्रवृत्तियों को शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करें। सभी सार्वजनिक और निजी शैक्षणिक संस्थाओं ने आरक्षण का कोटा लागू किया जाना चाहिए और शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत भेदभाव के खिलाफ एक कानून  बनाया जाना चाहिए। निजी क्षेत्र में आरक्षण अनिवार्य किया जाए। सरकारी क्षेत्रों में बैकलाॅग को तुरंत भर जाए और मनरेगा को बिना किसी शर्त और रुकावट के लागू किया जाए। लंबित वेतन का तुरंत भुगतान किया जाए। कार्य दिवस बढ़कर 200 प्रतिवर्ष किया जाए और मजदूरी ₹600 प्रति दिन होनी चाहिए। सामान्य जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना भी कराई जानी चाहिए।इन सारे मुद्दे को लेकर दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति को आगामी 4 दिसंबर 2023 को ज्ञापन दिया जाएगा। अंत में दलित शोषण मुक्ति मंच के 11 सदस्यों का एक कमेटी गठन किया गया।  मोती भूईया-अध्यक्ष, कृष्णा पासवान सचिव, प्रकाश भूईया-उपाध्यक्ष, जितेन्द्र भुईया-उपाध्यक्ष, बुन्देश्वर  पासवान-सहसचिव, छोटू भूईया-सहसचिव, नन्दलाल भूईया-उपाध्यक्ष, मोहम्मद गुलाम समदानी, मोहम्मद लुकमान, अनिल भूईया, संतोष भूईया, अंगद भुईया मोहन भूईया-संरक्षक चुने गए।

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