Abua Budget || झारखंड सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारी में एक अनोखी पहल की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘अबुआ बजट’ पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च करते हुए आम जनता को बजट तैयार करने की प्रक्रिया में भागीदारी का मौका दिया है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के हर वर्ग को अपनी राय साझा करने का अवसर देकर नीतियों को अधिक जन-केंद्रित बनाना है।
कार्यक्रम का शुभारंभ
रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आवासीय कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ‘अबुआ बजट’ का शुभारंभ किया। इस मौके पर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा:
“जन सहभागिता और जन भागीदारी के साथ हम झारखंड को सतत विकास की ओर ले जाएंगे। आप सभी से अपील है कि ‘अबुआ बजट’ के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव अवश्य दें।”
कैसे दें सुझाव?
झारखंड सरकार ने 17 जनवरी को सुझाव जमा करने की अंतिम तारीख निर्धारित की है। सुझाव देने के लिए नागरिक निम्नलिखित माध्यमों का उपयोग कर सकते हैं:
- ‘अबुआ बजट’ पोर्टल:
- ‘अबुआ बजट’ मोबाइल ऐप:
- रजिस्ट्रेशन के बाद ओटीपी दर्ज कर सुझाव पेज तक पहुंच सकते हैं।
- सोशल मीडिया:
- फेसबुक, एक्स (ट्विटर), और इंस्टाग्राम पेज।
- ईमेल और व्हाट्सएप:
- ईमेल और व्हाट्सएप नंबर 8742887660 पर भी सुझाव भेज सकते हैं।
सरकार ने घोषणा की है कि तीन सर्वश्रेष्ठ सुझाव देने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा।
सरकार का दृष्टिकोण
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि सरकार समाज के हर वर्ग को अपनी नीतियों और योजनाओं का हिस्सा बनाना चाहती है। यह पहल सरकार और जनता के बीच संवाद को और मजबूत करेगी।
पिछले वर्ष का बजट और संभावित वृद्धि
पिछले वर्ष झारखंड सरकार ने 1 लाख 28 हजार 900 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। इस वर्ष, ‘मंईयां सम्मान योजना’ और चुनावी घोषणाओं को ध्यान में रखते हुए बजट का आकार 1.50 लाख करोड़ तक जा सकता है।
निष्कर्ष
‘अबुआ बजट’ झारखंड सरकार का एक क्रांतिकारी कदम है, जो जनता को बजट निर्माण की प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बनाता है। यह न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देगा, बल्कि राज्य की विकास यात्रा में नागरिकों की भूमिका को भी सशक्त करेगा। अब झारखंड के लोग अपनी राय साझा कर राज्य की प्रगति में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।