Lodna News || धनबाद जिले के अलकडीहा ओपी क्षेत्र में स्थित लोदना जीनागोड़ा देवप्रभा आउटसोर्सिंग परियोजना में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। हॉलपैक मशीन की चपेट में आकर बलदेव कुंभकार (56) की मौत हो गई। इस घटना ने न केवल मृतक के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया, बल्कि इलाके के ग्रामीणों में आक्रोश की लहर भी पैदा कर दी।
घटना का विवरण
रविवार सुबह सुरुंगा कुम्हार टोला निवासी बलदेव कुंभकार हॉलपैक मशीन की चपेट में आ गए, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना की खबर फैलते ही सुरुंगा और पहाड़ीगोड़ा के दर्जनों ग्रामीण लाठी-डंडा लेकर मौके पर पहुंचे और काम को ठप करा दिया।
ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर कंपनी के पांच हॉलपैक मशीनों, भारी वाहनों और एक ड्रिल मशीन के शीशे तोड़ दिए। इस दौरान कंपनी समर्थकों और ग्रामीणों के बीच झड़प भी हुई।
ग्रामीणों की मांगें
ग्रामीणों ने कंपनी प्रबंधन और आउटसोर्सिंग संचालक को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए निम्नलिखित मांगें रखीं:
- मृतक के दोनों पुत्रों को रोजगार।
- 50 लाख रुपये मुआवजा।
- आउटसोर्सिंग संचालक की गिरफ्तारी।
- हत्या का मामला दर्ज करना।
ग्रामीण शव के पास बैठकर अपनी मांगों पर अड़े रहे और लगातार विरोध प्रदर्शन करते रहे।
घटनास्थल पर पुलिस की तैनाती
स्थिति बिगड़ते देख अलकडीहा ओपी प्रभारी ए. रौशन और लोदना ओपी पुलिस के साथ-साथ घुनीडी, तिसरा, बलियापुर थाना पुलिस व सीआईएसएफ जवानों को तैनात किया गया। देखते ही देखते घटनास्थल पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
वार्ता और सहमति
प्रशासन और ग्रामीणों के बीच दो दौर की वार्ता हुई, जिसमें एजीएम परवेज आलम और पीओ संजीव कश्यप ने हिस्सा लिया।
देर शाम सहमति बनने के बाद निम्नलिखित निर्णय लिए गए:
- आउटसोर्सिंग कंपनी की ओर से 13 लाख रुपये मुआवजा।
- दाह-संस्कार के लिए 1 लाख रुपये की सहायता।
- मृतक के दोनों पुत्रों को आउटसोर्सिंग कंपनी में रोजगार।
- बीसीसीएल की ओर से न्यूनतम मजदूरी की गारंटी।
प्रशासन ने मौके पर ही एग्रीमेंट तैयार करवाकर इसे लागू करवाया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
परिवार की स्थिति
मृतक बलदेव कुंभकार के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वह अपनी पत्नी चंचला देवी, दो पुत्रों बाबूलाल और कंचन कुंभकार और दो पुत्रियों के साथ रहते थे। बलदेव के चार भाइयों में से एक का पहले ही निधन हो चुका है।
नेताओं की प्रतिक्रिया
घटना के बाद भाजपा नेत्री तारा देवी और टाइगर फोर्स के धरमजीत सिंह ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी। तारा देवी ने कहा कि यदि ग्रामीणों को न्याय नहीं मिला तो इस मुद्दे को सदन में उठाया जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों को हक दिलाने के लिए आंदोलन की चेतावनी भी दी।
निष्कर्ष
यह घटना न केवल एक दर्दनाक हादसा है, बल्कि आउटसोर्सिंग कंपनियों की लापरवाही का भी प्रमाण है। ग्रामीणों के विरोध ने यह साबित कर दिया कि वे अपने हक और न्याय के लिए एकजुट हैं। प्रशासन और कंपनी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता मिले।