बराकर । बराकर सहित आसपास के क्षेत्र की सुहागिन महिलाओं ने अपने पति के दीर्घायु तथा समृद्धि पूर्ण जीवन की कामना को लेकर बट सावित्री की पूजा किया । इस दौरान सुहागिन महिलाओं ने बराकर नदी तट स्थित पुराने बट वृक्ष के नीचे बराकर गायत्री शक्तिपीठ स्थित बट वृक्ष के अलावे कई मंदिरों तथा अन्य स्थानों पर लगे हुए पुराने बट वृक्ष को विधिवत पूजा अर्चना किया।इस दिन ब्रह्मा सावित्री सत्यवान यम आदि की पूजा की जाती है । इसके पश्चात महिलाए वट अर्थात बरगद के मूल को जल अर्पण करती है । वट की परिक्रमा करते समय एक सौ आठ बार या यथाशक्ति कलावा लपेटा जाता है । इस दिन चने पर रुपया रखकर बायने के रूप में अपनी सास को देकर आशीर्वाद लिया जाता है । इस व्रत में महिलाएं सोलह सिंगार या पूर्ण सिंगार करके सावित्री-सत्यवान की पुण्य कथा का श्रवण कर पूजा अर्चना करती हैं ।
Astha : बराकर सहित आसपास के क्षेत्र में सुहागिन महिलाओं ने बट सावित्री की किया पूजा, पति के दीर्घायु तथा समृद्धि पूर्ण जीवन की कामना
