Badrinath Dhaam: भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि हर वर्ष वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर तय की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पंचांग गणना के आधार पर कपाट खुलने की तिथि और गाडू घड़ा में तेल पिरोने की तिथि निर्धारित की जाती है। इस साल भी यह पवित्र परंपरा पूरी श्रद्धा और विधि-विधान के साथ निभाई गई।
इस यात्रा वर्ष 2025 में भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को प्रातः 6:00 बजे खुलेंगे।
गाडू घड़ा यात्रा की शुरुआत
शनिवार को डिमरी पुजारियों के गांव डिम्मर से गाडू घड़ा यात्रा की शुरुआत हुई। लक्ष्मी नारायण मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना और बाल भोग के बाद गाडू घड़ा को ऋषिकेश के लिए रवाना किया गया।
देर शाम यह बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के ऋषिकेश स्थित विश्राम गृह में पहुंचा, जहां डिमरी पुजारियों ने परंपरागत आरती की। गाडू घड़ा यात्रा में पुजारी शैलेंद्र प्रसाद डिमरी, नरेश डिमरी, हरीश डिमरी, अरविंद डिमरी सहित अन्य श्रद्धालु शामिल थे।
टिहरी राजमहल में पहुंचेगा गाडू घड़ा
रविवार को गाडू घड़ा को टिहरी जिले के नरेंद्रनगर स्थित राजमहल में पहुंचाया जाएगा। 22 अप्रैल को तेल पिरोने की रस्म पूरी की जाएगी। तब तक यह घड़ा राजमहल में ही सुरक्षित रहेगा।
वसंत पंचमी पर घोषित हुई बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि
नरेंद्रनगर स्थित टिहरी राजमहल में वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर एक धार्मिक आयोजन किया गया। इसमें राजपरिवार, श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत और धर्माचार्यों की उपस्थिति में पंचांग गणना के अनुसार कपाट खुलने की तिथि तय की गई।
इस धार्मिक अनुष्ठान के तहत,
- भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को सुबह 6 बजे खुलेंगे।
- गाडू घड़ा के लिए 22 अप्रैल को तिलों से तेल पिरोने की तिथि तय हुई।
क्या है गाडू घड़ा परंपरा?
गाडू घड़ा परंपरा भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक से जुड़ी एक विशेष परंपरा है। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले तिलों से तेल निकाला जाता है, जिसे गाडू घड़ा में भरकर मंदिर तक पहुंचाया जाता है। इस पवित्र तेल का भगवान बद्रीनाथ के अभिषेक में उपयोग किया जाता है।
निष्कर्ष
बद्रीनाथ धाम की यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं की उत्सुकता बढ़ गई है। अब 4 मई को कपाट खुलने के बाद भक्तजन भगवान बद्रीविशाल के दर्शन कर सकेंगे। वहीं, गाडू घड़ा यात्रा की परंपरा के साथ इस साल की यात्रा की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं।
भगवान बद्रीनाथ की कृपा सभी भक्तों पर बनी रहे! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय!