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बात कड़वी है, पर है सच्ची! कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बात अमृत पिलाने से किया फाईदा, पूरी गर्मी माह बीतने को है, नहीं हुई चौक चौराहों पर आम लोगों के लिए पनशाले की निर्माण

बात कड़वी है, पर है सच्ची! कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बात अमृत पिलाने से किया फाईदा, पूरी गर्मी माह बीतने को है, नहीं हुई चौक चौराहों पर आम लोगों के लिए पनशाले की निर्माण

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ARVIND SINGH | JHARIA | कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बात अमृत पिलाने से किया फाईदा।इस भजन ने बड़े बड़े अधिकारी व समाजसेवियों की पोल खोल कर रख दी है। बात कड़ुआ है पर सच्ची है। पुरी गर्मी माह लगभग बीतने को है कुछ ही दिनों के बाद वर्षा ऋतु दस्तक देने वाली है। लेकिन आम नागरिकों के लिए या पशुओं के लिए नहीं हुई पनशाला की निर्माण। आश्चर्य की बात यह है की पूरे गर्मी में खासकर कोयलांचल मे चमचमाती धूप से जंहा लोग अपने अपने घरों में दुबके हुए थे। वहीं ख़ासकर दैनिक मजदूरी करने वाले लोग अपने नीतदिन चर्या के तहत मजबूरी करते रहें। लेकिन पूरे गर्मी में नाही परशासन की ओर से पनशाला चोक चौराहे पर खोलने का काम किया और नाही बीसीसीएल प्रबंधन की ओर से पनशाला खोला गया, जिससे आम आदमी को गर्मी में ठंडे पानी पेय जल के रूप में मिलें और पीकर अपनी प्यास को बुझा सके। जबकि पहले मार्च अप्रैल माह होते ही जगह जगह पर पनशाला की ब्यवस्था प्रशासनिक अधिकारी के साथ साथ बीसीसीएल प्रबंधन करती थी, इसके अलावा कई संस्था के लोग भी अपने अपने स्तर से आम लोगों के लिए पनशाला खोलकर लोगों को गुड़,चना, पानी पिलाकर अपने को पुन्य के भागी बनने का काम करते थे। लेकिन आज की दौड़ में देखा जाय तो लोग इस नेक कार्य से दूर भागते जा रहे हैं।