Bethlehem Christmas: क्रिसमस का पर्व दुनियाभर में उल्लास और भक्ति के साथ मनाया जाता है। लेकिन इस बार का उत्सव कुछ अलग है। जहां भारत और अन्य देशों में चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं और सजावट की रौनक है, वहीं प्रभु यीशु की जन्मस्थली बेथलेहम में युद्ध के कारण सादगी और शांति की पुकार छाई हुई है।
भारत और दुनियाभर में क्रिसमस का उल्लास
भारत में क्रिसमस की झलकियां
भारत में गोवा, महाराष्ट्र, और तमिलनाडु जैसे राज्यों में चर्चों को खूबसूरती से सजाया गया है।
- पुरी बीच पर प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने चॉकलेट और रेत से अनोखी सैंटाक्लॉज की मूर्तियां बनाई हैं।
- कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोस्ट होली रोज़री कैथेड्रल में सामूहिक प्रार्थना में हिस्सा लिया।
- विभिन्न राज्यों में बच्चों और वयस्कों ने उत्साह के साथ क्रिसमस कैरोल गाए और उत्सव मनाया।
दुनियाभर में क्रिसमस की धूम
- तुर्कीए के इस्तांबुल स्थित सेंट एस्प्रिट कैथेड्रल में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
- अमेरिका और यूरोप में चर्चों को भव्य रूप से सजाया गया, और प्रभु यीशु की शिक्षाओं का स्मरण किया गया।
बेथलेहम में शांति की पुकार
युद्ध ने कम किया उत्साह
प्रभु यीशु की जन्मस्थली बेथलेहम स्थित चर्च ऑफ द नेटिविटी, जो हर साल क्रिसमस पर रोशनी और उल्लास से भरपूर रहता था, इस बार सादगी और शांति के संदेशों से गूंज रहा है।
- चर्च में कोई खास सजावट नहीं की गई।
- स्थानीय लोग “युद्ध नहीं, शांति चाहिए” और “हम जीवन चाहते हैं, मृत्यु नहीं” जैसे संदेशों वाली तख्तियां लेकर सड़कों पर निकले।
- स्काउट्स ने पारंपरिक जुलूस में भाग लिया और शांति के लिए प्रार्थना की।
गाजा-इजराइल संघर्ष का असर
बेथलेहम का यह सादगीपूर्ण क्रिसमस गाजा-इजराइल संघर्ष का परिणाम है। जहां दुनियाभर में क्रिसमस पर खुशी मनाई जा रही है, वहीं इस पवित्र भूमि पर लोग शांति और मानवता की प्रार्थनाओं में लगे हैं।
निष्कर्ष
क्रिसमस का संदेश हमेशा शांति, प्रेम, और मानवता का होता है। इस बार का पर्व हमें याद दिलाता है कि जहां एक ओर उल्लास है, वहीं दूसरी ओर संघर्ष और पीड़ा भी है। प्रभु यीशु की शिक्षाएं हमें एकजुट होकर शांति और मानवता के लिए काम करने की प्रेरणा देती हैं।
“क्रिसमस सिर्फ उत्सव नहीं, यह मानवता के प्रति करुणा और शांति का संदेश है।”