Iran Uranium Enrichment and Nuclear Stockpile: बढ़ता खतरा वैश्विक सुरक्षा के लिए
Iran Nuclear Weapons: ईरान ने गुप्त रूप से अपने यूरेनियम भंडार को हथियार-ग्रेड स्तर के करीब पहुंचा लिया है, जो परमाणु हथियार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की हालिया रिपोर्ट ने ईरान के इस बढ़ते यूरेनियम संग्रह का खुलासा किया है, जिससे वैश्विक शांति और सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। ईरान इस समय इतना समृद्ध यूरेनियम रखने वाला दुनिया का एकमात्र गैर-परमाणु हथियार संपन्न देश है, जिसने अमेरिका, इजरायल और पश्चिमी देशों की चिंताएं फिर से बढ़ा दी हैं।
यूरेनियम भंडार में इजाफा: 60 प्रतिशत समृद्ध यूरेनियम का भंडारण
रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने हाल ही में 408.6 किलोग्राम यूरेनियम जमा किया है, जिसे 60 प्रतिशत तक समृद्ध किया गया है। यह हथियार-ग्रेड स्तर (90 प्रतिशत) से थोड़ा कम है, लेकिन पिछले समय के मुकाबले 133.8 किलोग्राम की वृद्धि हुई है, जो लगभग 50 प्रतिशत का इजाफा है। कुल मिलाकर ईरान के पास अब लगभग 9,247.6 किलोग्राम समृद्ध यूरेनियम है, जो फरवरी के बाद 953.2 किलो ज्यादा है।
परमाणु बम बनाने की क्षमता: हथियार-ग्रेड यूरेनियम का खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, लगभग 42 किलोग्राम 90 प्रतिशत समृद्ध यूरेनियम एक परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त होता है। इसका मतलब यह है कि यदि ईरान अपने यूरेनियम को हथियार-ग्रेड तक समृद्ध करने में सफल रहता है, तो उसके पास नौ परमाणु बम बनाने की क्षमता हो सकती है। IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने भी कहा है कि ईरान अब सफल परमाणु परीक्षण करने से ज्यादा दूर नहीं है।
अमेरिका, इजरायल और पश्चिम की चिंता: ईरान के परमाणु इरादे पर संदेह
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार, ईरान ने अभी तक आधिकारिक तौर पर परमाणु हथियार कार्यक्रम शुरू नहीं किया है, लेकिन वह क्षमता रखता है। अमेरिका, पश्चिमी देश और खासकर इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर गंभीर चिंता जताई है। इजरायल ने ईरान पर परमाणु हथियार हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध होने का आरोप लगाया है और कहा है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम का उद्देश्य शांति नहीं बल्कि सैन्य विकास है।
ईरान का यह यूरेनियम भंडार और हथियार-ग्रेड समृद्धि वैश्विक राजनीति में तनाव और सुरक्षा चुनौतियों को बढ़ा सकती है, जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैलने का खतरा है। इस स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कड़ी नजर रखने और कूटनीतिक प्रयास तेज करने के लिए प्रेरित किया है।