Bihar BPSC Exam || बिहार में बीपीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जन सुराज पार्टी (जसुपा) के प्रमुख प्रशांत किशोर ने 2 जनवरी से पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन की शुरुआत की थी। इस अनशन का उद्देश्य बीपीएससी परीक्षा के मुद्दे पर सरकार से 5 सूत्री मांगों को लेकर दबाव बनाना था। हालांकि, सोमवार सुबह करीब 4 बजे पटना पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और बाद में गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उनका मेडिकल परीक्षण किया गया और उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।
प्रशांत किशोर का धरना और प्रशासन की कार्रवाई
पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह के अनुसार, प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों द्वारा गांधी मैदान के गांधी मूर्ति के सामने अवैध ढंग से धरना दिया जा रहा था। यह क्षेत्र पहले ही प्रतिबंधित था, और प्रशासन ने कई बार उन्हें निर्धारित स्थल, गर्दनीबाग, जाने के लिए नोटिस भी जारी किया था। फिर भी जब वे लोग धरना स्थल नहीं छोड़ते, तो गांधी मैदान थाने में एफआईआर दर्ज की गई और सोमवार को प्रशांत किशोर को गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों पर यह आरोप है कि वे गैर-कानूनी तरीके से प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना दे रहे थे और कोर्ट के फैसले का उल्लंघन कर रहे थे। इस सिलसिले में पुलिस ने कार्यवाही की और उन्हें गिरफ्तार कर मेडिकल जांच के बाद कोर्ट में पेश करने की प्रक्रिया शुरू की।
बीपीएससी परीक्षा और अभ्यर्थियों का विरोध
बीपीएससी परीक्षा को लेकर यह विवाद तब शुरू हुआ जब 13 दिसंबर 2024 को पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र पर प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह ने जोर पकड़ा। इस अफवाह के बाद सैकड़ों अभ्यर्थियों ने परीक्षा का बहिष्कार किया था। इसके बाद बीपीएससी ने पुनः परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया, लेकिन इसके बावजूद कई अभ्यर्थी पूरे परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे थे।
प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे को लेकर अपने आमरण अनशन की शुरुआत की थी और सरकार से परीक्षा को रद्द करने, जांच कराने और अन्य संबंधित मुद्दों पर निर्णय लेने की मांग की थी।
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी और भविष्य की कार्रवाई
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मेडिकल चेकअप के लिए अस्पताल भेजा गया, जहां डॉ. लाल पांडेय ने उनकी जांच की और बताया कि उनका स्वास्थ्य स्थिर है। पुलिस द्वारा उनके खिलाफ कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करने और प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना देने का मामला दर्ज किया गया है।
अब देखना यह होगा कि प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी और उनके आंदोलन के बावजूद सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और बीपीएससी परीक्षा के विवाद का समाधान कैसे किया जाता है।
निष्कर्ष
प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी और उनके आंदोलन से स्पष्ट है कि बीपीएससी परीक्षा को लेकर राज्य में गहरा असंतोष और विरोध है। यह घटनाक्रम सरकार के लिए एक चुनौती पेश करता है, जिससे अभ्यर्थियों की मांगों पर गंभीर विचार विमर्श और समाधान की आवश्यकता महसूस होती है।
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