Deoghar News || देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा सोमवार को बेंगलुरु से देवघर पहुंचे और यहां स्थित प्रसिद्ध बैद्यनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। दो दिवसीय दौरे पर देवघर पहुंचे देवगौड़ा ने इस मौके पर भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए मंदिर में माथा टेका और विशेष पूजा अर्चना की। उनके साथ अन्य श्रद्धालु भी इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बने।
बाबा बैद्यनाथ मंदिर का महत्व
बैद्यनाथ मंदिर, जिसे बाबा बैद्यनाथ धाम भी कहा जाता है, 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां देश-विदेश से भक्त आते हैं, जो भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। इस मंदिर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता भक्तों के बीच एक विशेष स्थान रखती है। साल भर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रहती है, खासकर विशेष धार्मिक अवसरों पर।
पूर्व प्रधानमंत्री का स्वागत और पूजा
एचडी देवगौड़ा का देवघर आगमन बेंगलुरु-देवघर फ्लाइट से हुआ, जहां देवघर के उपायुक्त विशाल सागर और पुलिस अधीक्षक अजित पीटर डूंगडूंग ने उन्हें पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। इसके बाद, देवगौड़ा सीधे बैद्यनाथ मंदिर पहुंचे, जहां सरकारी तीर्थपुरोहितों द्वारा उन्हें पूजा के लिए संकल्प कराया गया। उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में शोडॉपउपचार विधि से पूजा की और भगवान शिव के शिवलिंग पर दूध से अभिषेक किया। इसके बाद, उन्होंने बेलपत्र अर्पित किए और मंदिर में प्रसाद के रूप में पेड़ा चढ़ाया।
एक ऐतिहासिक पूजा अनुभव
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने पहली बार देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। इस खास अवसर पर मंदिर में मौजूद अन्य श्रद्धालु उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब थे। तीर्थपुरोहितों में भी देवगौड़ा को करीब से देखने की उत्सुकता थी। इस अवसर पर देवगौड़ा ने भगवान शिव के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और आस्था को व्यक्त किया, जो इस यात्रा को और भी खास बना गया।
देवघर और आसपास के धार्मिक स्थल
बाबा बैद्यनाथ मंदिर के दर्शन के बाद, एचडी देवगौड़ा की योजना दुमका स्थित बासुकीनाथ धाम में भी माथा टेकने की है। यह यात्रा न केवल उनके लिए एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि समूचे राज्य और देशभर के भक्तों के लिए प्रेरणादायक भी है।
निष्कर्ष
एचडी देवगौड़ा की इस देवघर यात्रा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि धर्म और आस्था का महत्व उनके जीवन में हमेशा पहले स्थान पर रहा है। इस यात्रा के माध्यम से उन्होंने न केवल अपनी आस्था को व्यक्त किया, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के बीच एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया।