CSIR-CIMFR Dhanbad: कंट्रोल ब्लास्टिंग तकनीक के लिए टर्की में मिला पहला स्थान

कंट्रोल ब्लास्टिंग तकनीक के लिए टर्की में मिला पहला स्थान

कंट्रोल ब्लास्टिंग तकनीक के लिए टर्की में मिला पहला स्थान

CSIR-CIMFR Dhanbad: अंतरराष्ट्रीय मंच पर धनबाद की टेक्नोलॉजी को मिला सम्मान

CSIR-CIMFR Dhanbad: धनबाद स्थित CSIR-CIMFR (Central Institute of Mining and Fuel Research) ने एक बार फिर भारत को गर्व महसूस कराया है। टर्की में आयोजित International Flagblasting Conference में संस्थान को कंट्रोल ब्लास्टिंग तकनीक के लिए पहला स्थान प्राप्त हुआ। खास बात यह रही कि इस मंच पर नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण में प्रयुक्त ब्लास्टिंग तकनीक की वैश्विक सराहना हुई।

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वैज्ञानिकों की टीम ने रचा कीर्तिमान

इस शानदार उपलब्धि के पीछे CIMFR के शैल उत्खनन अभियांत्रिकी विभाग के चार वैज्ञानिकों – सूरज कुमार, अरविंद कुमार, डॉ. फिरोज अली और डॉ. रंजीत कुमार पासवान की विशेष भूमिका रही। इन वैज्ञानिकों ने सम्मेलन में भाग लेते हुए भारत की वैज्ञानिक क्षमता को अंतरराष्ट्रीय पटल पर प्रस्तुत किया और गौरवान्वित किया।

नवी मुंबई एयरपोर्ट में अपनाई गई तकनीक बनी पहचान

वर्ष 2017 में CIMFR और महाराष्ट्र सरकार की एजेंसी CIDCO के बीच नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना को लेकर समझौता हुआ था। इस परियोजना में उलवे की 92 मीटर ऊंची पहाड़ी को कंट्रोल्ड ब्लास्टिंग से सुरक्षित ढंग से समतल किया गया। उसी तकनीक को वीडियो फॉर्म में सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया, जिसने प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया।

सुरक्षित और आधुनिक ब्लास्टिंग का परिचय

तकनीकी अधिकारी सूरज कुमार ने बताया कि प्रस्तुत वीडियो में सुरक्षित और नियंत्रित ब्लास्टिंग दिखाई गई, जिससे आसपास की किसी संरचना को नुकसान नहीं हुआ। यह आधुनिक तकनीक सुरक्षा मानकों के तहत तैयार की गई थी, जिससे इसका वैश्विक स्तर पर प्रभाव पड़ा।

26 देशों के वैज्ञानिकों के बीच भारत का प्रदर्शन

वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रंजीत कुमार पासवान ने बताया कि यह सम्मेलन हर तीन वर्ष में होता है और इसे “ब्लास्टिंग टेक्नोलॉजी का वर्ल्ड कप” कहा जाता है। इस बार 26 देशों के 500 से अधिक वैज्ञानिकों ने भाग लिया और करीब 100 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें से CIMFR के 5 शोध पत्रों का चयन हुआ। डॉ. पासवान ने माइंस में उत्पादन बढ़ाने और सुरक्षित ब्लास्टिंग पर आधारित दो प्रमुख केस स्टडीज प्रस्तुत कीं।

इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर में भारत की तकनीकी बढ़त

वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि अब भारत में इलेक्ट्रिक डेटोनेटर पर प्रतिबंध है और CIMFR देश का एकमात्र संस्थान है, जहां इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर की टेस्टिंग फैसिलिटी उपलब्ध है। इस तकनीक में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन और बारकोडिंग सिक्योरिटी जैसे अत्याधुनिक फीचर्स शामिल हैं, जिससे ब्लास्टिंग पहले से ज्यादा सुरक्षित हो गई है। उन्होंने इस विषय पर टर्की सम्मेलन में विस्तार से व्याख्यान भी दिया।

संस्थान के लिए गर्व की बात: निदेशक

CIMFR के निदेशक प्रो. अरविंद कुमार मिश्रा ने इसे संस्थान की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि कंट्रोल ब्लास्टिंग तकनीक पर बना वीडियो टर्की में पहले स्थान पर रहा। इससे न सिर्फ भारत की तकनीक को पहचान मिली, बल्कि वैज्ञानिकों को वैश्विक समुदाय से संवाद स्थापित करने और अपने अनुभव साझा करने का अवसर भी मिला।