Dhanbad News: अवैध कोयला खनन पर नकेल कसने को लेकर अधिकारियों को दिए गए सख्त निर्देश
Dhanbad News: धनबाद में 29 अप्रैल 2025 को उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सुश्री माधवी मिश्रा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की महत्वपूर्ण बैठक टाउन हॉल में आयोजित की गई। बैठक में खनिज विभाग द्वारा अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की रोकथाम के लिए अब तक की गई कार्रवाइयों की विस्तृत समीक्षा की गई। जिला खनन पदाधिकारी श्री रितेश राज तिग्गा ने विभाग द्वारा दर्ज मामलों, की गई छापेमारी और विभिन्न कोल कंपनियों को जारी निर्देशों की स्थिति से अवगत कराया।
कोल कंपनियों को पत्राचार और निर्देशों के अनुपालन पर ज़ोर
बैठक में पूर्व में जारी किए गए निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की गई। विशेष रूप से बीसीसीएल और अन्य कोल कंपनियों द्वारा रैयतों को मुआवजा दिए बिना भूमि अधिग्रहण कर कार्य प्रारंभ किए जाने के मामलों पर चर्चा हुई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि खनन कार्य प्रारंभ करने से पहले सभी संबंधित रैयतों को मुआवजा दिया जाना सुनिश्चित हो। अन्यथा इससे विधि-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
समन्वय समिति की बैठक नियमित रूप से करने का निर्देश
उपायुक्त सुश्री माधवी मिश्रा ने कहा कि अवैध खनन की रोकथाम में विभागीय समन्वय की कमी के कारण कई बार उचित इनपुट के बावजूद कार्रवाई असफल हो जाती है। उन्होंने अंचल स्तर पर गठित कोऑर्डिनेशन कमिटी की नियमित बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया ताकि स्थानीय समस्याओं का समाधान समय पर हो सके।
ड्रोन और सीसीटीवी से अवैध खनन पर निगरानी तेज
बीसीसीएल के अधिकारियों ने अवैध खनन के हॉटस्पॉट की पहचान, की गई डोजरिंग और छापेमारी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खनन स्थलों पर ड्रोन के जरिए और काटा घरों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है ताकि अवैध गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण रखा जा सके।
पुलिस और खनन विभाग के बीच बेहतर समन्वय पर ज़ोर
बैठक में सिटी एसपी श्री अजित कुमार ने थाना प्रभारियों को निर्देश दिया कि एफआईआर दर्ज करने में देरी न हो और शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए। वहीं ग्रामीण एसपी श्री कपिल चौधरी ने कोल कंपनियों को निर्देशित किया कि थाना में एफआईआर दर्ज कराने हेतु सटीक और स्पष्ट जानकारी आवेदन में दें ताकि कानूनी प्रक्रिया में बाधा न आए।
निष्कर्ष
जिला स्तरीय खनन टास्क फोर्स की बैठक में अधिकारियों को अवैध कोयला खनन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए गए। उपायुक्त ने विभागों के बीच समन्वय, नियमित बैठकें, मुआवजा प्रक्रिया की पारदर्शिता और तकनीकी निगरानी को मजबूत करने पर विशेष बल दिया। बैठक में प्रशासनिक, पुलिस, वन, परिवहन और कोल कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।