DHANBAD | लोकनायक जय प्रकाश नारायण के जयंती के अवसर पर बुधवार 11 अक्टूबर को धनबाद के कोयला भवन सभागार में भारतीय जनतंत्र मोर्चा की ओर से एक दिवसीय प्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया। प्रतिनिधि सम्मेलन का मुख्य विषय भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी के कारण और निवारण था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1974 में लोकनायक जय प्रकाश नारायण के कुशल नेतृत्व में जो आंदोलन हुआ था, उसमें भी यही मुद्दे प्रमुख थे। सम्मेलन में महसूस किया गया कि ये मुद्दे वर्तमान में पहले से भी ज्यादा गंभीर हो गये हैं। भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के क्षेत्रों की स्थिति भी चिंताजनक हो गयी हैं।इसके बाद बारी बारी से भाजमो के सभी जिला अध्यक्षों ने भी सम्मेलन में अपने विचार रखे। एक दिवसीय प्रतिनिधि सम्मेलन में विषय प्रवेश सेवानिवृत पुलिस उपाधीक्षक, पी.एन. सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन आशीष शीतल मुंडा एवं मंच संचालन धनबाद जिलाध्यक्ष उदय सिंह ने किया । सम्मेलन में भ्रष्टाचार, मंहगाई और बेरोजगारी के कारण और उसके निवारण को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमे कई उपाय सुझाये गए हैं ।
भ्रष्टाचार दूर करने के सुझाये उपाय
भ्रष्टाचार निवारण कानूनों का कड़ाई से अनुपालन एवं उक्त गतिविधियों में संलिप्त लोगों के विरूद्ध त्वरित गति से न्यायिक प्रक्रिया अपनाते हुए सख्त से सख्त सजा कम समय में दिलाने हेतु ज्यादा से ज्यादा फास्ट ट्रैक कोर्ट का निर्माण । सरकारी विभागो में ई-फाईलिंग व फाईल ट्रैकिंग सिस्टम की अनिवार्यता हो, ताकि सभी विभागीय कार्य एक निश्चित समय-सीमा के अन्दर सम्पन्न हो जाए। वैसे कार्य विभाग जहाँ भ्रष्टाचार होने की संभावनाएं अधिक हैं, वहां सतत निगरानी एवं समीक्षा हो साथ ही आधुनिक तकनीक को समाहित किया जाए। नयी परियोजनाओं में उचित लागत पर गुणवत्तापूर्ण निर्माण हेतु सक्षम अधिकारी एवं तकनीकी दल का गठन। भ्रष्टाचार एक सामाजिक अभिशाप है। इस कुरीति को रोकने के लिए जन आंदोलन तथा जन जागरूकता अभियान का समय-समय पर आयोजन किया जाए । कोयला, बालू, चिप्स आदि खनिज पदार्थ के अवैध खनन में संलिप्त सरकारी, गैर सरकारी और राजनीतिक लोगों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई हेतु स्वतंत्र एजेंसी का गठन किया जाए ।
महंगाई से निजाद के सुझाये उपाय
दैनिक उपयोग में आने वाली आवश्यक वस्तुओं के मुल्योत्कर्ष पर लगाम और वितरण प्रणाली पर नियंत्रण हेतु उचित एवं सुदृढ़ प्रबंधन व्यवस्था बनाना एवं उसे लागू करना। सरकार के आर्थिक नीतियों के परिहीणता और मुद्रास्फीति की कुप्रबंधन के कारण बढ़ती महंगाई के प्रभावों को विष्लेषित कर उनपर नियंत्रण हेतु आवष्यक कार्यवाई करना। मांग और आपूर्ति के बीच समन्वय बनाए रखना। किसानों को उनके उपज का उचित दिलाना। गुणवत्तायुक्त बीज और जैविक खाद किसानों को उचित मूल्य पर उपलब्ध कराना। फसलों को होने वाली बीमारियों एवं प्राकृतिक मार से नष्ट हुए फसलों हेतु क्षतिपूर्ति राषि की व्यवस्था करना।
बेरोजगारी दूर करने के सुझाये उपाय
औद्योगिक क्षेत्रों की धीमी वृद्धि, बीमार उद्योगों का जीर्णोद्धार और उद्योग-धंधों में व्याप्त त्रुटियों को दूर कर उन्हें रोजगारपरक बनाना। कुटीर और लघु उद्योगों में ह्रास के कारणों को चिन्हित कर उनके निदान हेतु ठोस उपाय करना। आउटसोर्सिंग पर एजेंसियों की बहाली और संविदा पर नियुक्ति बहाली को समाप्त कर स्थायी नियुक्ति के लिए मार्ग प्रशस्त करना। न्यूनतम मजदूरी दर को मंहगाई के अनुरूप बढ़ाना। मजदूरों को समय पर भुगतान करना।