शोषितों–पीड़ितों की एक बुलंद आवाज थे शहीदशक्ति नाथ महतो:पवन महतो
धनबाद: मंगलवार 28 नवंबर को शहीद शक्ति नाथ महतो की शहादत दिवस शक्ति चौक में मनाया गया। इस अवसर पर मायुमो जिला अध्यक्ष पवन महतो ने शहीद शक्ति नाथ महतो की आदम कद प्रतिमा में माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए मायुमो जिला अध्यक्ष पवन महतो ने कहा कि शोषित-पीड़ित दबे कुचले वर्ग को अधिकार दिलाने के लिए शहीद शक्ति नाथ महतो ने जोरदार संघर्ष किया। मुनीडीह कोलियरी में कार्यरत शक्ति नाथ महतो ने मजदूरों को सूदखोरों एवं माफिया शक्तियों से आजाद कराने तथा न्यूनतम मजदूरी दिलाने के लिए चरणबाद आंदोलन का बिगुल फुका। शिवाजी समाज के माध्यम से बाल विवाह, दहेज़ प्रथा एंव नशा उन्मूलन के खिलाफ मुहीम चलाया। लोगों को शिक्षित करने के लिए रात्रि पाठशाला का शुभारंभ किया। आपातकाल के दौरान 22 माह तक धनबाद, भागलपुर तथा मुजफ्फरपुर के जेल में बंद रहे। 22 मई 1975 को कारीटाड़ में हुई बैठक के बाद उनकी हत्या की कोशिश की गई।रात गांव में ही बिताने के कारण अपराधियों के कहर से तो वे बच गए।लेकिन उनके तीन साथी शहीद हो गए। 28 नवंबर 1977 को सुबह 10:30 बजे सिजुआ में गोली एवं बम मारकर उनकी हत्या कर दी गई। शहीद शक्तिनाथ महतो शोषित-पीड़ित का एक आवाज था। लेकिन माफिया शक्तियों ने उनकी हत्या कर आवाज को दबाने की कोशिश की। आज कोयलांचल में हजारों शक्ति नाथ महतो ने जन्म लिया है जो उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए संकल्पित है। श्रद्धांजलि सभा में मायुमो जिला सचिव राणा चटराज, प्रदीप लाला, चंदन महतो, औरधेन्दु दत्ता, किशोर महतो, नारायण महतो, राजेश प्रमाणिक, सुरेश महतो, विनोद महतो, कुलदीप महतो, गणेश महतो, संजय महतो, भोला महतो, प्रदीप सिंह आदि शामिल थे।