Dhanbad News: 23 अप्रैल को झारखंड बंगला भाषी उन्नयन समिति द्वारा राज्य स्तरीय बंगाली संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन

23 अप्रैल को झारखंड बंगला भाषी उन्नयन समिति द्वारा राज्य स्तरीय बंगाली संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन

23 अप्रैल को झारखंड बंगला भाषी उन्नयन समिति द्वारा राज्य स्तरीय बंगाली संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन

Dhanbad News: बंगाली भाषा की गरिमा को बनाए रखने की दिशा में बड़ा कदम

Dhanbad News: धनबाद के बरवाअड्डा स्थित दुर्गा मंदिर प्रांगण में 23 अप्रैल को झारखंड बंगला भाषी उन्नयन समिति द्वारा राज्य स्तरीय बंगाली संस्कृति कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। समिति की कार्यकारी अध्यक्ष रीना मंडल ने बताया कि इस भव्य कार्यक्रम में बच्चों से लेकर युवाओं, महिलाओं और पुरुषों तक लगभग 100 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। इस अवसर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य मुख्य अतिथि होंगे, जबकि निरसा विधायक अरूप चटर्जी विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे।

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बंगला भाषा के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की मांग

इस कार्यक्रम की पूर्व सूचना देने हेतु रविवार को पूर्व विधायक फूलचंद मंडल के बरवाअड्डा स्थित आवास पर प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस दौरान पूर्व विधायक फूलचंद मंडल ने कहा कि बंगला भाषा झारखंड की एक प्रमुख भाषा है और इसके संवर्धन की दिशा में गंभीर प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि स्कूलों में बंगला भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति की जाए और पढ़ाई की व्यवस्था की जाए, ताकि बंगला भाषी विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल सके।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उठाई गई मांग

फूलचंद मंडल ने बताया कि हाल ही में हुए क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा सर्वे के दौरान स्कूलों से वास्तविक नामांकन के आधार पर बंगला भाषा की पुस्तक छपाई के लिए प्रतिवेदन भी मंगवाया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार मातृभाषा में शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है और झारखंड में 40% से अधिक विद्यार्थी बंगला भाषी हैं। ऐसे में इस भाषा की उपेक्षा उनके भविष्य के साथ अन्याय है।

सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने की दिशा में पहल

कार्यक्रम आयोजकों ने बताया कि यह राज्य स्तरीय सांस्कृतिक आयोजन न केवल बंगाली कला, संगीत और नृत्य की विविधता को प्रदर्शित करेगा, बल्कि बंगला भाषी समाज की सांस्कृतिक पहचान को भी सहेजने का प्रयास करेगा। इस आयोजन के माध्यम से बंगला भाषा और संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।