Dhanbad News : संगठन को मिली नई ऊर्जा, कार्यकर्ताओं में उत्साह
Dhanbad News : झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य में एक अहम घटनाक्रम के तहत जेएलकेएम के पूर्व केंद्रीय संगठन महासचिव एवं पूर्व सिंद्री विधानसभा प्रत्याशी शंकर महतो ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सदस्यता ग्रहण की। यह आयोजन पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में संपन्न हुआ, जिससे संगठन को नई मजबूती मिली है।
जेएमएम नेताओं की उपस्थिति में ऐतिहासिक निर्णय
इस अवसर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव बिनोद पांडेय, वरिष्ठ नेता लखिराम सोरेन, इम्तियाज अहमद नजमी, मन्नू आलम सहित कई प्रमुख नेताओं ने शंकर महतो और उनके समर्थकों का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस कदम को जेएमएम के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि इससे पार्टी की जमीनी पकड़ और मजबूत होगी।
सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जताया विश्वास
शंकर महतो के साथ जेएलकेएम के पूर्व केंद्रीय प्रवक्ता नीरज राय, पूर्व जिला प्रवक्ता प्रभात पांडेय, कुमार छत्रपति, प्रदीप हजारा, बजरंग साव, विरोध रजक, अमित मंडल, बप्पी मंडल, बैजनाथ दास, गोविंद सिंह, मंटू भंडारी, पंकज भंडारी, गणेश भंडारी, महावीर नापीत, बिट्टू कुमार, कैलाश साव, टार्जन साव, बीरेंद्र यादव, इंद्र सिंह सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता ग्रहण की।
राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की संभावना
शंकर महतो के जेएमएम में शामिल होने से सिंद्री और आसपास के क्षेत्रों में राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। उनके समर्थकों का व्यापक जनाधार होने के कारण पार्टी को स्थानीय स्तर पर मजबूती मिलेगी और आगामी चुनावों में इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
कार्यकर्ताओं में दिखा जोश और उत्साह
जेएमएम में शामिल होने के बाद कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह देखा गया। उन्होंने पार्टी की विचारधारा को अपनाने और संगठन को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। इस अवसर पर शंकर महतो ने कहा कि वे झारखंड मुक्ति मोर्चा की नीतियों और नेतृत्व में विश्वास रखते हैं और पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करेंगे।
झारखंड की राजनीति में नई हलचल
शंकर महतो और उनके समर्थकों का जेएमएम में शामिल होना न केवल पार्टी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि झारखंड की राजनीति में एक नई हलचल भी पैदा कर सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह कदम राजनीतिक परिदृश्य को किस तरह प्रभावित करता है।