Dhanbad News || सिंदरी: मंगलवार को केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमार स्वामी और इस्पात एवं भारी उद्योग राज्यमंत्री भूपतिराजु श्रीनिवास वर्मा ने सेल टासरा ओपन कास्ट परियोजना और नव-निर्माणाधीन टासरा वाशरी का निरीक्षण किया। इस दौरे के दौरान सेल के चेयरमैन अमरेंदु प्रकाश भी उनके साथ उपस्थित थे।
मंत्रीद्वय का भव्य स्वागत
टासरा परियोजना स्थल पर आगमन के समय धनबाद उपायुक्त माधवी मिश्रा, वरीय पुलिस अधीक्षक हृदीप पी. जनार्दनन, और सेल टासरा प्रभारी महाप्रबंधक शिवराम बनर्जी ने मंत्रीद्वय का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया।
टासरा परियोजना: महत्व और संभावनाएं
मंत्रीद्वय को टासरा परियोजना की प्रगति के बारे में महाप्रबंधक शिवराम बनर्जी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह परियोजना 4 मिलियन टन वार्षिक क्षमता वाली भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसमें वाशरी का निर्माण भी शामिल है।
स्थानीय विकास:
परियोजना से न केवल स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
आत्मनिर्भर भारत:
केंद्रीय इस्पात मंत्री ने निरीक्षण के दौरान कहा कि यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे कोकिंग कोल के आयात में कमी आएगी, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार की बचत होगी।
महिला स्वरोजगार गतिविधियों का अवलोकन
मंत्रीद्वय ने सेल और मेसर्स के.टी.एम.पी.एल. के संयुक्त तत्वावधान में सीएसआर के तहत संचालित महिला स्वरोजगार गतिविधियों का निरीक्षण किया और उनके प्रयासों की सराहना की।
चासनाला वाशरी और शहीद स्मारक का दौरा
मंत्रीद्वय ने चासनाला वाशरी का निरीक्षण कर वहां चल रहे कार्यों की समीक्षा की। इसके बाद, वे चासनाला शहीद स्मारक पहुंचे और खान दुर्घटना में शहीद हुए श्रमिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
दौरे में प्रमुख अधिकारी उपस्थित
इस अवसर पर कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:
सेल बोकारो स्टील प्लांट के निदेशक प्रभारी बी.के. तिवारी।
कोलियरी प्रभाग के कार्यपालक निदेशक एस.के. सिंह।
महाप्रबंधक (एचआर) संजय तिवारी।
महाप्रबंधक टासरा के एस.के. कुरील।
सिंदरी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी आशुतोष सत्यम।
के.टी.एम.पी.एल. के प्रवीण कोटा और टी. रमेश।
परियोजना की अहमियत
इस दौरे से यह स्पष्ट हुआ कि टासरा ओपन कास्ट परियोजना और वाशरी, कोकिंग कोल उत्पादन और आत्मनिर्भर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इसके माध्यम से न केवल स्थानीय क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि भारत के औद्योगिक क्षेत्र को भी मजबूती मिलेगी।