Earthquake in Kolkata & Odisha: कोलकाता और ओडिशा में महसूस किए गए झटके, डोली धरती

Earthquake in Kolkata & Odisha

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Earthquake in Kolkata & Odisha: भूकंप बंगाल की खाड़ी में आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई

Earthquake in Kolkata & Odisha: हाल के दिनों में भारत में भूकंप की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। कुछ ही दिनों पहले दिल्ली में आए भूकंप के झटकों का डर अभी कम भी नहीं हुआ था कि मंगलवार सुबह 6:10 बजे कोलकाता और ओडिशा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह भूकंप बंगाल की खाड़ी में आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई। हालाँकि, अब तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

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कोलकाता और ओडिशा में भूकंप के झटके

मंगलवार सुबह पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता सहित ओडिशा के कई शहरों में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस दौरान पुरी, बरहामपुर, बालासोर और भुवनेश्वर जैसे इलाकों में लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का केंद्र पुरी से 286 किलोमीटर और बरहामपुर से 394 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में स्थित था। गनीमत रही कि भूकंप की गहराई अधिक थी, जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

दिल्ली-एनसीआर में भी आया था भूकंप

इससे पहले, 17 फरवरी की सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र धौला कुआं के झील पार्क क्षेत्र में 5 किलोमीटर की गहराई पर था। कुछ लोगों ने भूकंप के दौरान तेज आवाजें भी सुनीं। विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली को भूकंपीय क्षेत्र-4 में रखा गया है, जो देश के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दूरस्थ और निकटवर्ती स्थानों में भूकंप आने पर भी झटके महसूस किए जाते हैं।

हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी महसूस किए गए झटके

रविवार को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भी भूकंप आया था। सुबह 8:42 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता 3.7 थी और इसका केंद्र 7 किलोमीटर की गहराई पर सुंदरनगर क्षेत्र के किआर्गी के पास स्थित था। मंडी जिला भूकंपीय क्षेत्र-5 में आता है, जिसे उच्च जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है। हालांकि, इस भूकंप से किसी प्रकार की क्षति की कोई खबर नहीं मिली।

भारत में भूकंप की बढ़ती घटनाएं: चिंता का विषय

भारत के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में आए भूकंपों ने यह साबित कर दिया है कि देश की कई महत्वपूर्ण जगहें भूकंपीय रूप से संवेदनशील हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप के प्रति सतर्कता और सुरक्षित संरचनाओं का निर्माण बेहद जरूरी है। दिल्ली, उत्तर भारत, पूर्वी भारत और हिमालयी क्षेत्र भूकंप के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं, इसलिए लोगों को जागरूकता और सुरक्षा उपायों को अपनाने की जरूरत है।

निष्कर्ष

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसका पूर्वानुमान लगाना कठिन है, लेकिन सुरक्षा उपायों को अपनाकर हम इसकी गंभीरता को कम कर सकते हैं। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे भूकंप संभावित क्षेत्रों में मजबूत इमारतों के निर्माण और जागरूकता अभियानों पर ध्यान दें। आम लोगों को भी भूकंप के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।