West Bengal Violence: मुर्शिदाबाद से मालदा तक फैली हिंसा, 3 की मौत, इंटरनेट बंद
West Bengal Violence: पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन अब बड़े पैमाने पर हिंसक रूप ले चुका है। शनिवार को मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में विरोध प्रदर्शन अचानक उग्र हो गए। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जमकर उत्पात मचाया, गाड़ियों को आग के हवाले किया और दुकानों व घरों में तोड़फोड़ व लूटपाट की घटनाएं सामने आईं। इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने अब तक 150 लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य में हालात बेकाबू होते देख केंद्र सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 1600 अर्धसैनिक बलों की तैनाती की है, जिनमें 300 BSF जवान भी शामिल हैं।
Internet Ban in Violence-hit Areas: इंटरनेट सेवा बंद, लागू हुई BNS धारा 163
राज्य सरकार ने हिंसा प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है ताकि अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं को फैलने से रोका जा सके। इसके साथ ही BNS की धारा 163 को लागू किया गया है, जिससे प्रशासन को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष अधिकार प्राप्त हो गए हैं। अब तक 21 कंपनियों को तैनात किया गया है जो हालात को सामान्य बनाने के लिए लगातार फ्लैग मार्च कर रही हैं।
Mass Exodus from Murshidabad: जान बचाकर नदी पार कर मालदा पहुंचे लोग
मुर्शिदाबाद के धुलियान क्षेत्र से करीब 500 लोग जान बचाकर नदी पार कर मालदा जिले के वैष्णवनगर पहुंचे हैं। ये सभी लोग वहां के एक स्कूल में शरण लिए हुए हैं। पीड़ितों का आरोप है कि उनके घरों में आगजनी की गई, तोड़फोड़ की गई और यहां तक कि उनके पीने के पानी में जहर मिलाने की कोशिश भी की गई। उन्होंने बताया कि वे किसी तरह BSF की मदद से वहां से सुरक्षित निकल पाए।
Political Reactions on Waqf Law: दिल्ली में बैठक, ओवैसी ने जताई नाराजगी
नए वक्फ कानून को लेकर देशभर में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। दिल्ली में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की कार्यकारी समिति ने इस कानून पर चर्चा के लिए बैठक की। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह कानून असंवैधानिक है और भाजपा वक्फ बोर्ड पर नियंत्रण पाना चाहती है। उनका मानना है कि इस कानून से किसी का भला नहीं होगा।
High Court Orders Central Forces Deployment: कोलकाता हाईकोर्ट का बड़ा निर्देश
पश्चिम बंगाल में लगातार बढ़ रही हिंसा को देखते हुए नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केंद्रीय बलों की तैनाती और हिंसा की जांच NIA से कराने की मांग की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने साफ निर्देश दिया कि हिंसाग्रस्त इलाकों में तुरंत केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए। जस्टिस सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि संवैधानिक अदालतें मूकदर्शक नहीं बन सकतीं और जब आम जनता की जान-माल खतरे में हो तो राज्य सरकार को उचित समय पर कार्रवाई करनी चाहिए थी।
Court Observation on Law and Order: “हम आंखें बंद नहीं कर सकते”
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, “हम उन रिपोर्ट्स पर आंखें बंद नहीं कर सकते जिनमें राज्य के जिलों में बर्बरता दिखाई देती है। प्रत्येक नागरिक को जीवन और संपत्ति की सुरक्षा का अधिकार है और यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह इसे सुनिश्चित करे।” कोर्ट के निर्देश के बाद मुर्शिदाबाद समेत अन्य जिलों में केंद्रीय बलों की तैनाती तेज कर दी गई है।