ICAR-NISA का शताब्दी समारोह | केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाख का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की जरूरत है, ताकि लाख किसानों को इसका ज्यादा लाभ मिल सके। हम जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ मिलकर इसके लिए प्रयत्न करेंगे। लाख को कृषि उत्पाद के रूप में पूरे देश में मान्यता मिले, इसके लिए भी प्रयास किया जाएगा। वे शुक्रवार को आईसीएआर-राष्ट्रीय माध्यमिक कृषि संस्थान (एनआईएसए), नामकुम के शताब्दी समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने घोषणा की कि रांची को कृषि शिक्षा अनुसंधान और शोध में देश का प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा। लाख के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए लाख प्रसंस्करण की इकाइयां स्थापित की जाएंगी। अब तक 1500 लाख किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता रहा है, पर अब 5000 लाख उत्पादक किसानों को रांची कृषि शिक्षा अनुसंधान संस्थान में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रधानमंत्री का लक्ष्य किसानों को आय दोगुनी करना है। उन्होंने कहा कि लाख की खेती से जुड़े कई ऐसे किसान हैं, जो एक लाख रुपए से ज़्यादा कमा रहे हैं। कई समूहों की आमदनी 25 से 30 लाख रुपए तक है। आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक, आईसीएआर के उपमहानिदेशक श्याम नारायण झा ने भी समारोह को संबोधित किया। संस्थान के डायरेक्टर अभिजीत कर ने सबका स्वागत किया। समारोह में कृषि मंत्री दीपिका पांडेय सिंह भी थीं। राज्यपाल राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा- आईसीएआर-निसा ने 100 साल में भारतीय कृषि को नई दिशा दी है। संस्थान ने लाख उत्पादन और प्रोसेसिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है, जिसने न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के किसानों को समृद्ध बनाया है। खुशी की बात है कि झारखंड लाख उत्पादन में अग्रणी है और इस संस्थान ने लाख उत्पादन के साथ-साथ प्रोसेसिंग और उत्पाद विकास में अनेक तकनीकी नवाचार किए हैं। सेठ रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कहा- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां आकर लाख किसानों का हौसला बढ़ाया है। लाख से दीदियों के साथ भैया भी लखपति बनेंगे। उन्होंने कहा कि बिचौलिए इसे 100 रुपए में खरीद रहे थे, पर उनके हस्तक्षेप से इसकी कीमत 400 रु. हुई। चौधरी कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा- किसान जब समृद्ध होगा, तभी देश विकसित बनेगा। जब अन्नदाता के घर में खुशहाली आती है, तो सभी खुशहाल होते हैं। किसी भी फसल की खेती करने वाले किसान को जब तक बिचौलियों से नहीं बचाया जाएगा, तब तक किसान समृद्ध नहीं हो सकता है। पहले जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का नारा लगा था फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जय अनुसंधान का नारा लगाकर देश को विकसित राष्ट्र बनाने को जो सपना संजोया था वह आज परिलक्षित होता दिख रहा है।
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