Illegal OB Dumping by BCCL: वन भूमि पर ओबी डंप मामले की जांच में बीसीसीएल दोषी, प्रशासन सख्त
Illegal OB Dumping by BCCL: धनबाद के उपयुक्त सह जिला दंडाधिकारी आदित्य रंजन द्वारा गठित जांच समिति ने सुरंगा स्थित गोल्डन पहाड़ी और पहाड़ीगोरा क्षेत्र में बीसीसीएल द्वारा वन भूमि पर ओबी डंपिंग (Illegal OB Dumping by BCCL) मामले की जांच की। समिति ने मौके पर जाकर गहन निरीक्षण किया और पाया कि बीसीसीएल एवं उसकी अनुषंगी इकाई देवप्रभा कंपनी ने जानबूझकर वन विभाग की जमीन पर ओबी डंप किया है।
एडीएम लॉ एंड ऑर्डर की अध्यक्षता में हुई सख्त पूछताछ
समिति की अध्यक्षता कर रहे एडीएम लॉ एंड ऑर्डर श्री पीयूष सिन्हा ने बीसीसीएल लोधना एरिया के जीएम से कड़ी पूछताछ की। जांच के दौरान जीएम द्वारा स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया और वह सवालों को टालते नजर आए। इस पर एडीएम ने नाराजगी जताई और कहा कि यह रवैया सरकारी विभाग की कार्यप्रणाली से मेल नहीं खाता।
अपर समाहर्ता ने जताई नाराजगी, डीएमओ ने मानी लापरवाही
समिति के सदस्य अपर समाहर्ता विनोद कुमार ने बीसीसीएल के गैरजिम्मेदाराना रवैये को लेकर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि ओबी डंपिंग के कारण स्थानीय ग्रामीणों में गहरा रोष है। वहीं, मौके पर मौजूद जिला खनन पदाधिकारी (DMO) ने भी स्पष्ट किया कि यह कार्य जानबूझकर की गई लापरवाही है, जिससे वन क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचा है।
15 दिनों में ओबी हटाने का आदेश, नहीं तो होगी कड़ी कार्रवाई
जांच दल के नेतृत्वकर्ता एडीएम पीयूष सिन्हा ने मौके पर मौजूद बीसीसीएल के प्रतिनिधियों और जीएम को सख्त निर्देश दिया कि वे 15 दिनों के भीतर ओबी हटाकर इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समयसीमा के भीतर कार्रवाई नहीं की गई, तो भारत सरकार को प्रतिवेदन भेजकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अंचल अधिकारी का दावा – सैकड़ों एकड़ जमीन पर अवैध डंपिंग
मौके पर मौजूद अंचल अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह ने खुलासा किया कि बीसीसीएल ने 120 एकड़ अनाबाद जमीन, 65 एकड़ वन भूमि और सैकड़ों एकड़ रैयती जमीन पर अवैध रूप से ओबी डंप किया है। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में बीसीसीएल द्वारा देवप्रभा कंपनी को पत्र भेजकर चेतावनी दी गई थी कि संबंधित प्लॉट वन विभाग का है, फिर भी निर्देशों का उल्लंघन किया गया।
निष्कर्ष
Illegal OB Dumping by BCCL प्रकरण में जांच समिति की रिपोर्ट प्रशासनिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से गंभीर संकेत देती है। बीसीसीएल और देवप्रभा कंपनी की लापरवाही न केवल वन संपदा के विनाश का कारण बन रही है, बल्कि ग्रामीणों की भूमि और आजीविका को भी प्रभावित कर रही है। प्रशासन की ओर से सख्त रुख और संभावित कानूनी कार्रवाई इस दिशा में आवश्यक कदम है, जिससे भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।