Pahalgam Terror Attack: अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जानकारी देने की तैयारी में भारत, विपक्षी नेताओं और विशेषज्ञों को भी जोड़ा जाएगा
भारत की छवि और सुरक्षा नीति को लेकर वैश्विक संवाद की योजना
India-Pakistan conflict: पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ उपजे तनाव के मद्देनजर भारत सरकार एक व्यापक कूटनीतिक अभियान की तैयारी कर रही है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार दुनिया के प्रमुख क्षेत्रों में विभिन्न देशों के नेताओं, विशेषज्ञों और पूर्व राजनयिकों की टीमें भेजने की योजना बना रही है, ताकि भारत का दृष्टिकोण प्रभावी रूप से वैश्विक समुदाय तक पहुंचाया जा सके।
विपक्षी नेताओं को भी मिलेगा प्रतिनिधित्व
इस विशेष अभियान में विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं को भी शामिल किया जाएगा। इनमें कांग्रेस नेता और संसदीय विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इन नेताओं की अंतरराष्ट्रीय मंच पर विश्वसनीयता और क्षेत्रीय समझ भारत की बात रखने में सहायक होगी। आज़ाद को कश्मीर का प्रमुख चेहरा मानते हुए चुना गया है, जबकि ओवैसी हालिया घटनाओं के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सबसे मुखर आवाज़ बनकर उभरे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय संवाद ज़रूरी
उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत-कश्मीर में स्थित आतंकी ढांचों को निशाना बनाकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच चार दिन तक ड्रोन, मिसाइल और लंबी दूरी के हथियारों से गंभीर सैन्य टकराव हुआ। हालांकि 10 मई को दोनों पक्षों ने सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई, जिसे 18 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
आठ अंतरराष्ट्रीय टीमों के ज़रिए पहुंचेगी भारत की बात
सरकार की योजना के अनुसार, कुल आठ प्रतिनिधिमंडल बनाकर उन्हें यूरोप, उत्तरी अमेरिका, पश्चिम एशिया और वैश्विक दक्षिण (Global South) के देशों में भेजा जाएगा। इन प्रतिनिधिमंडलों में सांसदों, पूर्व राजनयिकों, और थिंक टैंक प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। वे संबंधित देशों के सांसदों, अधिकारियों और नीति निर्माताओं से मिलकर भारत की स्थिति स्पष्ट करेंगे, विशेषकर आतंकवाद और सीमा पार हमलों के संदर्भ में।
सभी दलों से संपर्क में सरकार
सरकार इस प्रयास को केवल सत्तापक्ष तक सीमित नहीं रख रही है। कांग्रेस, जनता दल (यूनाइटेड), तेलुगू देशम पार्टी (TDP), बीजू जनता दल (BJD), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और एनसीपी-पवार गुट सहित विभिन्न दलों के नेताओं से संपर्क किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह संवाद इस सप्ताह के प्रारंभ में शुरू हुआ है।
निष्कर्ष
भारत सरकार पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर वैश्विक समुदाय को भारतीय दृष्टिकोण से अवगत कराने के लिए एक सुनियोजित कूटनीतिक पहल कर रही है। यह अभियान विपक्षी नेताओं को भी शामिल कर राष्ट्रीय एकजुटता का संदेश देगा और वैश्विक मंच पर भारत की सुरक्षा नीति को मजबूती से रखने में सहायक सिद्ध हो सकता है।