Rafale Marine Deal with France: हिंद महासागर में चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए नौसेना को मिलेगा नया ताकतवर हथियार
Rafale Marine Deal with France: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने 9 अप्रैल 2025 को Rafale Marine Deal with France को मंजूरी दे दी है। इस अहम फैसले के तहत भारत अब फ्रांस से 64,000 करोड़ रुपये की लागत से 26 राफेल मरीन फाइटर जेट खरीदेगा, जो भारतीय नौसेना की ताकत को समुद्री मोर्चे पर और भी मजबूत बनाएगा।
डील के अनुसार, फ्रांस भारत को 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर राफेल मरीन जेट्स उपलब्ध कराएगा, जिन्हें विशेष रूप से आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। इन जेट्स का उपयोग हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति का जवाब देने के लिए किया जाएगा।
Rafale Marine Deal with France: भारत-फ्रांस के बीच महीनों चली बातचीत के बाद बनी सहमति
यह सौदा लंबे समय से भारत और फ्रांस के बीच बातचीत का विषय था। भारत ने नौसेना के लिए उन्हीं शर्तों पर यह डील करना चाहा, जो 2016 में वायुसेना के लिए 36 राफेल जेट खरीदते समय तय हुई थी। 2023 में प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान इस डील की आधारशिला रखी गई थी, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर लेटर ऑफ रिक्वेस्ट भेजा। फ्रांस ने दिसंबर 2023 में इसे स्वीकार किया।
पहला राउंड ऑफ नेगोशिएशन जून 2024 में हुआ, जिसमें फ्रांस सरकार, दसॉ एविएशन और भारतीय रक्षा मंत्रालय की कांट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी के बीच विस्तार से बातचीत हुई।
Rafale Marine Deal with France: हथियारों और ट्रेनिंग के साथ मिलेगा अत्याधुनिक सपोर्ट सिस्टम
इस डील के अंतर्गत भारत को सिर्फ फाइटर जेट ही नहीं, बल्कि उसके साथ आधुनिक हथियार प्रणाली, सिमुलेटर, लॉजिस्टिक सपोर्ट और नौसैनिक क्रू के लिए ट्रेनिंग भी मिलेगी।
राफेल मरीन में विशेष इंडियन स्पेसिफिक लैंडिंग इक्विपमेंट्स लगाए जाएंगे, जिससे यह एयरक्राफ्ट कैरियर से आसानी से टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सके। इसके साथ ही ‘अस्त्र’ एयर-टू-एयर मिसाइल जैसे घातक हथियार भी शामिल होंगे, जो इन जेट्स को पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार बनाएंगे।
फ्रांस ने पहले ही भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर राफेल जेट की लैंडिंग और टेक-ऑफ का ट्रायल सफलतापूर्वक कर लिया है। हालांकि, वास्तविक संचालन के लिए कुछ अतिरिक्त उपकरणों की आवश्यकता होगी, जिसकी आपूर्ति भी इस डील के अंतर्गत होगी।
Rafale Marine Deal with France: समुद्री सुरक्षा के नए युग की शुरुआत
यह डील केवल सैन्य सौदेबाजी नहीं, बल्कि भारत की समुद्री रणनीति को वैश्विक मंच पर एक नई दिशा देने वाला कदम है। राफेल मरीन की तैनाती से भारतीय नौसेना को लंबी दूरी तक दुश्मन को पहचानने, जवाबी हमला करने और समुद्री नियंत्रण स्थापित करने में अहम बढ़त मिलेगी।
इस डील के साथ भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है, और हिंद महासागर में उसका प्रभुत्व अडिग रहेगा।