International Labour Day: युवा संघर्ष मोर्चा ने श्रमिकों के अधिकारों के लिए दोहराया संघर्ष का संकल्प
International Labour Day: रांगाटांड श्रमिक चौक पर श्रमिक प्रतिमा पर माल्यार्पण कर याद किए गए श्रमिक आंदोलन के शहीद
International Labour Day: अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर युवा संघर्ष मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष दिलीप सिंह ने रांगाटांड स्थित श्रमिक चौक पर पहुंचकर आदमकद श्रमिक प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहीद मजदूरों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मजदूरों के बलिदानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता और उनकी लड़ाई आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी 100 साल पहले थी।
श्रमिकों की ऐतिहासिक लड़ाई को बताया प्रेरणा का स्रोत
दिलीप सिंह ने कहा कि एक समय था जब मजदूरों से 16 से 18 घंटे तक काम करवाया जाता था। वर्ष 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर में हुए ऐतिहासिक आंदोलन ने मजदूरों के लिए काम के घंटे तय करने की नींव रखी। अंग्रेजी हुकूमत ने गोलियाँ बरसाईं लेकिन मजदूर पीछे नहीं हटे। आठ घंटे कार्यदिवस की शुरुआत उन्हीं बलिदानों की देन है और हर साल 1 मई को Labour Day मनाकर हम उन्हें याद करते हैं।
श्रमिकों के हक के लिए जारी रहेगा संघर्ष
युवा संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष ने कहा कि उनका संगठन मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ हमेशा आवाज उठाता रहा है और आगे भी पूरी ताकत से श्रमिकों के हक में संघर्ष करता रहेगा। उन्होंने कहा कि आज भी श्रमिक वर्ग को सामाजिक सुरक्षा, उचित वेतन और सम्मानजनक कार्यशर्तों की जरूरत है, जिसके लिए सामूहिक प्रयास अनिवार्य है।
समाजसेवियों और संगठन के सदस्यों ने भी दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम में जीराखन सिंह, पिंटू मोदी, बृजन राम, मो. अली, बुचून, कुंदन, सोनू गिरी, मनोज राय, विकास सिंह और निर्भय सिन्हा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने श्रमिक प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहीदों को याद किया और मजदूर हित में संगठन की प्रतिबद्धता को दोहराया।
निष्कर्ष
Labour Day पर सम्मान और संघर्ष का संदेश
International Labour Day पर आयोजित यह श्रद्धांजलि समारोह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि श्रमिकों के संघर्षों की स्मृति को जीवित रखने और भविष्य के संघर्षों के लिए प्रेरणा लेने का अवसर है। Youth Sangharsh Morcha का यह आयोजन श्रमिकों के सम्मान और उनके अधिकारों के लिए समर्पण का प्रतीक बन गया है।