Jallianwala Bagh Massacre: राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पर साझा किया भावुक संदेश, बलिदानियों को बताया प्रेरणा स्रोत
Jallianwala Bagh Massacre: 13 अप्रैल 1919 का जलियांवाला बाग हत्याकांड भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक ऐसा काला अध्याय है जिसे देश कभी भुला नहीं सकता। इसी ऐतिहासिक त्रासदी की बरसी पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका बलिदान भारत की स्वतंत्रता की नींव का मजबूत स्तंभ बना।
Social Media Tribute: राष्ट्रपति ने एक्स पर किया शहीदों को नमन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “जलियांवाला बाग में भारत माता के लिए मर मिटने वाले सभी स्वाधीनता सेनानियों को मैं सादर श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। उनके बलिदान से हमारे स्वाधीनता संग्राम की धारा और प्रबल हो गई थी। कृतज्ञ भारत सदैव उनका ऋणी रहेगा।”
Inspiration for the Nation: बलिदानियों से प्रेरणा लेकर देश के विकास में योगदान दें – राष्ट्रपति
अपने संदेश में राष्ट्रपति ने देशवासियों से अपील की कि वे इन अमर बलिदानियों से प्रेरणा लेकर भारत की प्रगति और समृद्धि के लिए तन-मन-धन से कार्य करें। उन्होंने कहा कि इन वीरों की कुर्बानी हर भारतीय को अपने कर्तव्य की याद दिलाती है।
A Black Chapter in History: जब अमृतसर में बहा निर्दोषों का खून
जलियांवाला बाग हत्याकांड ब्रिटिश शासन की क्रूरता का सबसे भयावह उदाहरण माना जाता है। 13 अप्रैल 1919 को ब्रिगेडियर जनरल डायर के आदेश पर शांतिपूर्वक सभा कर रहे हजारों निर्दोष लोगों पर गोलियां बरसाई गईं। यह सभा रॉलेट एक्ट के खिलाफ हो रही थी, और इसमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी शामिल थे। इस नृशंस गोलीबारी में सैकड़ों लोगों की जान चली गई और हजारों घायल हो गए।
A Lasting Legacy: शहीदों का बलिदान बना स्वतंत्रता आंदोलन की ताकत
जलियांवाला बाग की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और अधिक उग्र और संगठित बनाने का कारण बनी। इस त्रासदी ने महात्मा गांधी समेत कई नेताओं को असहयोग आंदोलन जैसे बड़े कदम उठाने की प्रेरणा दी।