JHARIA | जोड़ापोखर थाना के शालीमार में गुरुवार की रात को जनता मजदूर संघ समर्थक शंकर सिंह पर हुए गोलीकांड के मामला पुलिस जांच में अंततः अफवाह साबित हुआ। पुलिसिया जांच में गोली चलने का मामला झूठा साबित होने के बाद पुलिस की दबिश से घबराकर दोनों पक्षों ने आपस में समझौता कर लिया है। मालूम हो कि गुरुवार की रात को जोड़ापोखर थाना से महज कुछ दूरी पर शालीमार रेलवे लाइन किनारे के निकट निवासी जनता मजदूर संघ समर्थक शंकर सिंह पर आधा दर्जन अपराधियों ने गोली मारकर हत्या किए जाने के उदेश्य किए गए हमले के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया है। मामले में पुलिस ने घटनास्थल से दो कारतूस एवं एक खोका तथा हमले उपयुक्त बाइक को जब्त किया है। जब्त बाइक कुख्यात बिरजू नामक व्यक्ति कि बताई जाती है। शंकर सिंह ने घटना में जिस बिनोद को आरोपी बनाया है वह भी जिले के एक चर्चित घराना के समर्थक बताए जा रहे है। घटना से जुड़े दोनों लोगों का क्षेत्र में आतंक व्याप्त है। इस कारण रात में हुई घटना के बाद से क्षेत्र में बढ़ते तनाव को देखते हुए दो गुटीय खूनी संघर्ष कि होने कि संभावना व्यक्त कि जा रही है। मालूम हो कि शंकर सिंह ने घटना में जिस बिनोद को आरोपी बनाया है उससे शंकर कि खूब छनती है। गुरुवार कि रात दस बजे तक शंकर और बिनोद को सड़क किनारे खाते पीते हुए तथा सड़क पर हंगामा करते हुए को कई लोगों ने देखा था। इस दौरान शंकर के पड़ोसी मनोज नामक व्यक्ति कि मोटरसाइकिल को बिनोद द्वारा सड़क पर जबरन रोककर कि गयी बदतमीजी को लेकर शंकर का बिनोद के साथ बात विवाद भी हुआ। विवाद के बाद दोनों अपने अपने घर कि ओर चले गए। साढ़े दस बजे के लगभग शंकर ने अपने घर के समीप बचाव बचाव का शोर मचाया। हल्ला सुनकर उसके घरवाले बाहर आए तबतक शंकर पर हमला करनेवाले फरार हो चुके थे। घटना कि सूचना मिलते ही थाना प्रभारी बिनोद उरांव सदल बल घटनास्थल पर पहुंचकर शंकर से घटना कि जानकारी लिया। शंकर ने पुलिस को बताया कि भागा सोलह नंबर निवासी बिनोद एक मोटरसाइकिल से आकर मोबाइल से उसे घर से बाहर बुलाकर बगल कि गली में लें गया। जहां उसके पांच छः साथियों ने उसपर ताबड़ तोड़ पांच छः गोलिया चलाकर हत्या करने का प्रयाश किया। किसी तरह वह बाल बाल घटना में बच गया। उसके स्वजन अगर समय पर नहीं आते तो संभवतः हमलावर उसकी हत्या कर देते। पुलिस ने घटनास्थल का चप्पे चप्पे का छानबीन किया। पुलिस को घटनास्थल से गोली चलने के कोई सबूत नहीं मिले थे । बाद में थोड़ी देर बाद सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को दो कारतूस एवं एक खोका मिला जिसे जब्त कर पुरे मामले कि छानबीन कर रही है। शंकर सिंह के लिखित शिकायत के बाद घटना कि बारीकी से जांच कि जा रही थी । पुलिस को स्थानीय किसी ने भी गोली चलने कि घटना घटने से इंकार किया है।
शालीमार में रात को शंकर सिंह पर की गयी गोली मारकर हत्या का मामला जांच में अफवाह साबित हुई है। दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है। मामले कि तह तक जांच कि जाने के बाद झूठा मामला साबित हुआ। जब्त खोखा और कारतूस मामले की जाँच की जा रही है। जाँच उपरांत कार्रवाई की जाएगी।-बिनोद उरांव, पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी, जोरापोखर थाना