Jharia News: आचार्य ज्ञेय सागर जी का संदेश: मोबाइल के प्रभाव से बचें, बच्चों के भविष्य के लिए जागरूकता जरूरी
Jharia News: झरिया की पावन धरा पर जैन संत आचार्य श्री ज्ञेय सागर जी और मुनि श्री नियोग सागर जी का आगमन हुआ, जहाँ उन्होंने अपने प्रवचन के दौरान गुरु सम्मान और बच्चों के भविष्य के बारे में महत्वपूर्ण संदेश दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, “जब तक सूरज चाँद रहेगा, गुरु जनों का सम्मान रहेगा,” और झरिया कोयलांचल क्षेत्र में यह वाक्य गूंज उठा।
प्रवचन में मोबाइल के दुष्प्रभाव और बच्चों पर इसके असर पर चर्चा
आचार्य श्री ने प्रवचन में मोबाइल के बढ़ते उपयोग पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि पहले बच्चे मां से बोलते थे, अब बच्चे मोबाइल से बात करने लगे हैं। एक महिला ने आचार्य श्री से शिकायत की कि उनके दोनों बच्चे मोबाइल के बिना खाना भी नहीं खाते और हर समय मोबाइल की मांग करते हैं। आचार्य श्री ने इस पर अपनी राय दी और बताया कि आजकल की मां मोबाइल में इतनी व्यस्त रहती हैं कि वे धार्मिक पुस्तकें या धार्मिक स्थल की यात्रा नहीं करतीं। इसके बजाय वे मोबाइल पर समय बिताती हैं, जिससे बच्चों को भी मोबाइल की आदत लग जाती है।
आचार्य श्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि, “जब अभिमन्यु गर्भ में था तो उसके पिता अर्जुन ने उसे चक्रव्यूह के बारे में सिखाया था, लेकिन आज की मां मोबाइल में रील और शॉर्ट वीडियो देखने में समय बिताती हैं, जिससे गर्भ में पल रहा बच्चा भी मोबाइल की आदत सीखता है।”
आचार्य श्री का अपील: बच्चों के लिए मोबाइल का उपयोग सीमित करें
आचार्य श्री ने उपस्थित सभी माताओं और परिवारों से अपील की कि यदि वे अपने बच्चों का भला चाहती हैं, तो बच्चों के सामने मोबाइल का कम से कम उपयोग करें। उन्होंने कहा कि यह बच्चों के भविष्य और परिवार के सुखी जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम का आयोजन और प्रमुख कार्यक्रमों का विवरण
इस कार्यक्रम में मुनि संघ का स्वागत और सम्मान भी किया गया। सुबह 7:30 बजे मुनि संघ का दिगंबर जैन मंदिर में शुभ आगमन हुआ, जहां पूजा अर्चना की गई। 9:00 बजे तक पूजा संपन्न हुई, और फिर दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक आचार्य श्री के सानिध्य में “भक्तामर स्तोत्र विधान” का आयोजन हुआ।
साथ ही, संघपति श्री सतेन्द्र कुमार जैन और उनके साथियों का दिगंबर जैन समाज द्वारा शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया। इस कार्यक्रम में जैन महिला मंडल झरिया की पाना देवी जैन, सोनिया जैन, सिम्पल जैन, रेखा जैन, विमला जैन, निलम जैन, उषा जैन, महक जैन, विशाखा जैन, राशि जैन, दीक्षा जैन, मानवी और कनिष्का ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कार्यक्रम के अंत में मुनि संघ का कतरास की ओर विहार हुआ। इस संपूर्ण आयोजन ने गुरु सम्मान और बच्चों के लिए जागरूकता फैलाने का उद्देश्य पूरा किया।