Jharia News || वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ग्रीन लाइफ झरिया और यूथ कॉन्सेप्ट के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार, 31 दिसंबर को झरिया में एक पर्यावरण जागरूकता मार्च का आयोजन किया गया। यह मार्च झरिया के 4 नंबर टैक्सी स्टैंड से शुरू होकर बाटा मोड़ तक पहुंचा, जिसमें हर उम्र के लोग, खासकर बच्चे, उत्साहपूर्वक शामिल हुए।
जागरूकता मार्च की मुख्य बातें
- नारे और तख्तियां:
✓मार्च में शामिल लोगों ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर जागरूकता फैलाई।
✓नारों में “मेरी सांसें मेरा हक,” “साफ हवा मेरा अधिकार,” “झरिया में प्रदूषण बंद करो,” “यह कैसी स्वच्छता अभियान?” और “पेड़ तेजी से कट रहे हैं, इंसानों की आयु घट रही है” जैसे संदेश थे।
✓बच्चों ने भी “मुझे जीने का अधिकार दो,” “आओ प्रदूषण रोके हम” जैसे नारे लगाकर वातावरण को जोशीला बनाया।
- प्रदूषण के कारण और समाधान:
कोयलांचल नागरिक मंच के अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल:
✓उन्होंने कहा कि झरिया में प्रदूषण फैलाने में BCCL (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) की अहम भूमिका है।
✓आउटसोर्सिंग के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है।
✓डीएमएफटी फंड का सही उपयोग पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण रोकने पर होना चाहिए।
ग्रीन लाइफ के संयोजक डॉ. मनोज सिंह:
✓उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण के कारण गर्भस्थ शिशु भी प्रभावित हो रहे हैं, जिससे दिव्यांग बच्चों की संख्या बढ़ रही है।
✓वायु प्रदूषण से कैंसर, सेरेब्रल पाल्सी और अन्य बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं।
✓उन्होंने आउटसोर्सिंग कंपनियों से कोयला खनन के मानकों का पालन करने की अपील की।
यूथ कॉन्सेप्ट के संयोजक अखलाक अहमद:
✓उन्होंने कहा कि झरिया में प्रदूषण के कारण लोगों की आयु घट रही है और बच्चे भी प्रदूषण से बचाव की गुहार लगा रहे हैं।
✓अगर कोयला कंपनियां वायु प्रदूषण पर नियंत्रण नहीं करतीं, तो यह लड़ाई जारी रहेगी।
✓मार्च में शामिल प्रमुख लोग
पर्यावरण जागरूकता मार्च में कई प्रतिष्ठित व्यक्ति और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए:
राजकुमार अग्रवाल (कोयलांचल नागरिक मंच), डॉ. मनोज सिंह (ग्रीन लाइफ संयोजक), अखलाक अहमद (यूथ कॉन्सेप्ट संयोजक), उमा भट्टाचार्या, डॉ. दिलीप कुमार, मो. इकबाल, पिनाकी राय, सत्यनारायण भोजगढ़िया, शिवचरण शर्मा, अनिल जैन, अशोक वर्णवाल, आर.सी. पासवान, चेतन मिश्रा, राज माली, अजय वर्मा, रूमी खान, राजेंद्र अग्रवाल, महताब आलम, डॉ. हैदर, मनोज साव, अब्दुल हक अर्सी, ताहा इकबाल आदि शामिल थे।
यह मार्च झरिया में बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ एक मजबूत संदेश था। इसमें शामिल लोगों ने प्रदूषण की भयावहता को उजागर करते हुए समाधान के लिए एकजुटता का आह्वान किया। “मेरी सांसें मेरा हक” जैसे नारों के साथ यह जागरूकता अभियान झरिया के नागरिकों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति सचेत करने का एक प्रभावी प्रयास रहा।