Jharkhand News || झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में महिला सशक्तिकरण को एक नई दिशा देते हुए सोमवार को मंईयां सम्मान योजना के तहत 56 लाख से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में 2,500-2,500 रुपए ट्रांसफर किए। यह कार्यक्रम राजधानी रांची के नामकुम स्थित खोजाटोली ट्रेनिंग ग्राउंड में आयोजित किया गया। जैसे ही मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर लाभुकों के खातों में राशि स्थानांतरित की, वहां मौजूद महिलाएं खुशी से झूम उठीं।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास
इस योजना का उद्देश्य झारखंड की आधी आबादी को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। मुख्यमंत्री ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से कुल 1,415 करोड़ 44 लाख 77 हजार रुपए महिलाओं के बैंक खातों में भेजे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “महिला और पुरुष समाज के विकास के लिए दो बैल हैं, जो साथ चलकर ही खेती का कार्य पूरा कर सकते हैं। झारखंड की महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की क्षमता रखती हैं।”
विपक्ष पर हमला और अपने वादे पूरे करने का दावा
मुख्यमंत्री ने इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जब हमने महिलाओं के खातों में 1,000 रुपए डालने की घोषणा की, तो विपक्ष ने इसे मजाक कहा। बाद में 2,500 रुपए देने का वादा किया, और हमने उसे पूरा किया। विपक्षी दलों ने हमारे खिलाफ झूठे दावे किए, लेकिन हमने महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने में सफलता पाई।”
महिलाओं के जीवन में बड़े बदलाव का वादा
हेमंत सोरेन ने कहा कि यह पहल महिलाओं को सिर्फ आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि उनके सपनों को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम है। इस पैसे का उपयोग महिलाएं अपने बच्चों की पढ़ाई, त्योहारों की खरीदारी, पोषण आहार और स्वरोजगार के लिए कर सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब महिलाएं मुर्गीपालन, खेती और छोटे व्यवसायों के जरिए अपनी आजीविका बेहतर बना सकती हैं।
सामाजिक और आर्थिक भेदभाव को खत्म करने की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने राज्य में बैंकों के भेदभावपूर्ण रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि झारखंड के गरीबों को लोन मिलना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने महिलाओं के माध्यम से झारखंड के पिछड़ेपन और गरीबी के कलंक को मिटाने का संकल्प लिया है।”
झारखंड की महिलाओं के लिए नया युग
हेमंत सोरेन ने झारखंड की महिलाओं की समझदारी की सराहना करते हुए कहा, “आज हमने अपनी जिम्मेदारी निभाई है, अब आपके सार्थक सहयोग की जरूरत है।” उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे इस धनराशि का सही उपयोग करें और झारखंड के विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं।