Jharkhand News: झारखंड DGP Service Extension विवाद पर केंद्र का सख्त रुख
Jharkhand News: झारखंड में पुलिस महकमे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के उस निर्णय पर रोक लगा दी है, जिसमें डीजीपी अनुराग गुप्ता को सेवा विस्तार देने की बात कही गई थी। इस मुद्दे ने राज्य की राजनीति में भी हलचल मचा दी है और अब सबकी नजरें हेमंत सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।
अनुराग गुप्ता के सेवा विस्तार पर केंद्र सरकार ने जताई आपत्ति
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र भेजकर स्पष्ट कर दिया है कि 30 अप्रैल 2025 के बाद अनुराग गुप्ता डीजीपी के पद पर नहीं बने रह सकते। मंत्रालय ने राज्य सरकार के सेवा विस्तार निर्णय को गलत करार दिया है। पत्र में कहा गया है कि 30 अप्रैल को अनुराग गुप्ता की सेवा अवधि पूरी हो जाएगी और इसके बाद उनका कार्यकाल स्वतः समाप्त माना जाएगा।
विधायक सरयू राय का भी हमला
इस मुद्दे पर वरिष्ठ विधायक सरयू राय ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार द्वारा डीजीपी अनुराग गुप्ता को सेवा विस्तार देने के फैसले को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।
चुनावों के बाद फिर से मिली थी जिम्मेदारी
बता दें कि अनुराग गुप्ता को पहली बार 26 जुलाई 2024 को राज्य का प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया गया था। हालांकि, झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर उन्हें पद से हटा दिया गया था। चुनावों के बाद हेमंत सोरेन सरकार के पुनः गठन के बाद 28 नवंबर 2024 को अनुराग गुप्ता को फिर से प्रभारी डीजीपी बनाया गया।
राज्य सरकार ने नियमावली बनाकर किया था स्थाई नियुक्ति का प्रयास
राज्य सरकार ने डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए नई नियमावली तैयार की थी। इस नियमावली के तहत अनुराग गुप्ता की दो वर्षों के लिए स्थाई नियुक्ति की अधिसूचना जारी की गई थी। यदि राज्य सरकार इस नियमावली का पालन करती है तो अनुराग गुप्ता 26 जुलाई 2026 तक डीजीपी बने रह सकते हैं। मगर अब केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से स्थिति जटिल हो गई है।
निष्कर्ष
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद झारखंड की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हेमंत सरकार अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को लेकर क्या रणनीति अपनाती है। फिलहाल, डीजीपी पद को लेकर राज्य में असमंजस की स्थिति बनी हुई है और आने वाले दिनों में इसका बड़ा राजनीतिक असर देखने को मिल सकता है।