Jharkhandi Kalakaar Sahityakaar Samman Samaroh | समारोह में राज्य के 200 झारखंडी कलाकार व साहित्यकार हुए सम्मानित
बोकारो-बोकारो जिले के तुपकाडीह स्थित श्रमिक हाई स्कूल के मैदान में रविवार को झारखंडी कलाकार-साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन हुआ. इस दौरान राज्य के लगभग 200 खोरठा, नागपुरी व अन्य झारखंडी भाषाओं के कलाकारों व साहित्यकारों को आयोजन समिति के द्वारा शॉल, प्रशस्ति पत्र व पौधे देकर सम्मानित किया गया. बोकारो में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में कलाकारों व साहित्यकारों का जुटान एक मंच पर हुआ. कार्यक्रम का उदघाटन आयोजन समिति के स्वागतकर्ता सह भाषा आंदोलनकारी तीर्थनाथ आकाश समेत अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन तथा खोरठा के प्रखर विद्धवान व धरा-गगन सिद्धांत के प्रणेता दिवंगत डॉ एके झा समेत अन्य दिवंगत कलाकारों व साहित्यकारों की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सभी वक्ताओं ने एक स्वर में खोरठा भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठायी. तीर्थनाथ ने कहा कि खोरठा राज्य की सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है, लेकिन सरकार के स्तर पर इसके विकास के लिए अबतक कोई ठोस व अपेक्षित पहल नहीं हो पायी है. जबकि, झारखंड अलग राज्य के निर्माण में खोरठा भाषा के कलाकारों का भी अहम योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि खोरठा समेत अन्य झारखंडी भाषाओं तथा उसके कलाकारों व साहित्यकारों को उचित सम्मान मिले, यही हमारा प्रयास है.
खोरठा कलाकारों व साहित्यकारों को एक मंच पर आने की जरूरत है। झारखंड सरकार से सम्मानित खोरठा के प्रसिद्ध, साहित्यकार, कवि, फ़िल्मलेखक एवं गीतकार विनय तिवारी ने कहा कि खोरठा के सभी कलाकारों व साहित्यकारों को एक मंच पर आकर खोरठा भाषा के उन्नयन के लिए गंभीर प्रयास करने की जरूरत है. श्री तिवारी ने कहा कि खोरठा समेत सभी झारखंडी भाषाओं को वाजिब हक मिलना चाहिए। इसकी उपेक्षा से राज्य का कभी भला नहीं हो सकता। क्योंकि भाषा ही हमें जमीन से जोड़े रखने में मदद करती है। क्षेत्रीय भाषाओं की उपेक्षा से कभी किसी राज्य का वास्तविक विकास संभव नहीं है।
लेखक, पत्रकार एवं साहित्यकार दीपक सवाल ने डॉ एके झा की जीवनी पर प्रकाश डाला. कहा कि झा जी अपने आप में एक पाठशाला और खोरठा भाषा के प्रकांड विद्धवान थे। उन्होंने खोरठा के विकास के लिए जो योगदान दिया है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके आदर्शों पर चलकर ही खोरठा भाषा का संपूर्ण विकास हो सकता है। श्री सवाल ने डॉ झा के मौसम विज्ञानी पहलू पर भी प्रकाश डाला और बताया कि उनका धरा गगन सिद्धांत किताब के रूप में छप कर आ चुकी है। जल्द उसका विमोचन होगा। कहा कि इस पुस्तक के अध्ययन से प्रकृति व मौसम विज्ञान को समझने में लोगों को काफी मदद मिलेगी।
कार्यक्रम का संचालन श्याम केवट ‘चित्रकार’ ने किया. कार्यक्रम अंबेडकर क्लब, पैंथर क्लब व जय हिंद कला मंच के संयुक्त बैनर तले आयोजित हुआ. इन कलाकरों को मिला सम्मान मनोज देहाती, गौतम कुमार महतो, कैलाश देहाती, अमन राठौर, घनश्याम महतो,कैलाश जैक्शन, सतीश दास, रॉबिन दास, राकेश दास, पायल राजवंशी, आनंद केरवार, धनुषधारी गोस्वामी, रमेश दास, आशा कुमारी, गुंजा कुमारी, दीपक दीवाना उर्फ ढुलकु, विनोद महतो रसलीन, प्रेमचंद कालिंदी, हबीब नाज, अशोक महतो, शिवानी जैक्सन, राजेश दीवाना, रवीना महतो, वर्षा ऋतु, हनी चंद्रवंशी, पिंकी सिंह, सीमा महतो, चांदनी महतो, मिथुन झारखंडी, मुकेश साव, उमेंद्र कुमार,निमाय महतो, मुकेश साव, विक्रम रवानी समेत खोरठा, नागपुरी व अन्य झारखंडी भाषाओं के लगभग 150 कलाकार सम्मानित हुए.
इन साहित्यकारों को मिला सम्मान विनय तिवारी खोरठा गीतकार साहित्यकार , महेंद्रनाथ गोस्वामी ‘सुधाकर’, गिरिधारी गोस्वामी ‘आकाशखूंटी, डॉ नागेश्वर महतो, दीपक सवाल, डॉ मुकुंद रविदास, अनिता महतो, डॉ कृष्णा गोप, प्यारे हुसैन प्यारे, अशोक पारस, कामेश गोस्वामी, घनश्याम महतो, विजय दास, शेखर शरदेंदु, मणिलाल मणि, समेत लगभग 50 साहित्यकार सम्मानित हुए.
कलाकरों ने समा बांधा सम्मान समारोह के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. खोरठा व नागपुरी के स्टार कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गीतकार समा बांध दिया. पहली बार अपने सभी चहते कलाकारों को एक मंच पर देखने के लिए दर्शक काफी उत्साहित थे. मौके पर स्थानीय मुखिया शांति देवी, खूंटरी मुखिया लीलावती देवी, कनारी मुखिया राज महतो,, भाजयुमो जिलाध्यक्ष विनोद कुमार,सम्मानित समाजसेवी राजीव तिवारी, अरविंद सिंह राजपूत, विश्वनाथ गोस्वामी,युवा नेता रूपेश तिवारी, रुद्रप्रताप तिवारी, आयोजन समिति के अनिल दिगार, राजू महतो, संजय अग्रवाल, नितेश, आशीष, प्रेम, सोनू, अप्पू, राहुल, उमेश, सुशांत आदि मौजूद थे.