Jogta Filter Plant Protest: कोयला परिवहन पर लगा ब्रेक, ग्रामीणों की पानी और रोजगार के लिए लड़ाई
Jogta Filter Plant Protest: धनबाद के जोगता क्षेत्र में नागरिकों का आक्रोश एक बार फिर उभर कर सामने आया जब बुनियादी समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने गुरुवार को Jogta Filter Plant Protest के तहत जोरदार आंदोलन किया। जोगता नागरिक समिति के नेतृत्व में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में ग्रामीणों ने मोदीडीह कोलियरी के 12 नंबर कोल डंप स्थित कांटा घर के पास कोयले के परिवहन कार्य को पूरी तरह से रोक दिया। इस आंदोलन का उद्देश्य प्रशासन और बीसीसीएल प्रबंधन का ध्यान पांच प्रमुख समस्याओं की ओर आकर्षित करना था, जिसमें मुख्य रूप से जोगता फिल्टर प्लांट को चालू करने और लोकल कोयला सेल को पुनः शुरू करने की मांग शामिल थी।
कोयला परिवहन पूरी तरह ठप, मजदूरों और ग्रामीणों की पीड़ा का विस्फोट
प्रदर्शन के कारण चार घंटे तक कोयले का लोडिंग और संप्रेषण कार्य पूरी तरह बाधित रहा। जोगता नागरिक समिति के अध्यक्ष अनुज कुमार सिन्हा उर्फ पलटू ने बताया कि बीते एक वर्ष से लोकल सेल के तहत कोयला वितरण बंद पड़ा है, जिससे हजारों असंगठित मजदूर बेरोजगारी और भुखमरी की स्थिति में पहुंच चुके हैं। वहीं, फिल्टर प्लांट बंद होने के कारण ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
प्रबंधन के वादों पर सवाल, आश्वासन के बावजूद नहीं हुआ समाधान
समिति ने पूर्व में भी प्रबंधन को पत्र लिखकर समस्याओं की जानकारी दी थी और बीते माह धरना भी आयोजित किया गया था। उस समय बीसीसीएल प्रबंधन ने दस दिनों के भीतर समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन एक माह बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने फिर से आंदोलन का रास्ता चुना।
लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित, लेकिन असंतोष बरकरार
लगभग चार घंटे चले आंदोलन के बाद बीसीसीएल की प्रबंधकीय टीम मौके पर पहुंची और दो दिनों के भीतर लिखित समझौता पत्र देने का भरोसा दिलाया। इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन को अस्थायी रूप से समाप्त किया, लेकिन असंतोष और संदेह अभी भी बरकरार है कि क्या वास्तव में समाधान होगा या यह भी सिर्फ एक और वादा साबित होगा।
प्रदर्शन में ग्रामीणों की एकजुटता, जन समस्याओं पर फोकस
इस आंदोलन में निर्मल कुमार, हसीब खान, असगर मियां, एस के मोबीन, अजय चौहान, संतोष पासवान, सैया आलम, मंगल चौहान, मन्नु महतो, सूरज चौहान और मन्नु चौहान जैसे कई स्थानीय लोग सक्रिय रूप से शामिल रहे। यह विरोध प्रदर्शन न केवल रोजगार और पानी जैसी मूलभूत समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि यह प्रशासनिक उदासीनता के खिलाफ जन आवाज भी बन गया है।