Katras News || जमीन से जुड़ी समस्याओं पर रैयतों का धरना जारी, आंदोलन तेज करने की चेतावनी, 10 दिनों से अंचल कार्यालय बाघमारा के बाहर धरना प्रदर्शन

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Katras News || कतरास में जमीन संबंधी समस्याओं को लेकर ग्राम स्वराज अभियान के बैनर तले रैयतों का धरना पिछले 10 दिनों से अंचल कार्यालय बाघमारा में जारी है। लेकिन अंचल कार्यालय के अधिकारी अब तक इस मामले में कोई सुध लेने को तैयार नहीं हैं। अधिकारियों की उदासीनता और बेरुखी से रैयतों के बीच भारी आक्रोश व्याप्त है।

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ग्राम स्वराज अभियान के संस्थापक जगत महतो ने बताया कि अंचल कार्यालय के अधिकारी न तो धरनार्थियों की समस्याओं को सुन रहे हैं और न ही समाधान के लिए कोई पहल कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अंचल कार्यालय का रवैया ऐसा है जैसे यहां सरकारी तंत्र नहीं, बल्कि अंग्रेजों की हुकूमत चल रही हो।

रैयतों को नहीं मिल रही न्याय, समस्याएं बनी गंभीर

धरनार्थियों का कहना है कि वे अपनी जमीन से जुड़ी समस्याओं को लेकर कई महीनों से अंचल कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। उनकी जमीन छीने जाने और अन्याय के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन बाबुओं और अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। रैयतों का आरोप है कि अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जनता की समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय नेताओं की तरह भाषणबाजी करते हैं।

आंदोलन में तेजी: पुतला दहन की चेतावनी

धरने के दसवें दिन, ग्राम स्वराज अभियान ने अपने आंदोलन को तेज करने की घोषणा की। संस्थापक जगत महतो ने कहा कि अगर रैयतों की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो आगामी 27 दिसंबर को अंचल अधिकारी बाघमारा का पुतला जलाया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अधिकारी अपनी कार्यशैली नहीं बदलते, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप ले लेगा।

अधिकारियों की धमकी और रैयतों का संघर्ष

जगत महतो ने कहा कि अधिकारी धरनार्थियों की समस्याओं को सुलझाने के बजाय उन्हें जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक रैयतों को न्याय नहीं मिल जाता। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो धरना एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।

धरनास्थल पर मौजूद लोग

धरनास्थल पर ग्राम स्वराज अभियान से जुड़े कई कार्यकर्ता और प्रभावित रैयत मौजूद थे। इनमें मुसीब अख्तर खान, सुमित्रा देवी, आरटीआई कार्यकर्ता अरबिंद सिन्हा, विशाल कुमार महतो, तीता कुमारी उर्फ लक्ष्मी देवी, कैलाश रजवार, कमल महतो, दिलीप महतो, सलिक मिस्त्री, रूपेश रवानी, राजा राम महतो, शांती देवी, गौरी देवी, जरिए देवी, मालती देवी, लखी देवी, अंजली देवी, सारू देवी, पदावती देवी, रेशमी देवी और उर्मिला देवी सहित कई लोग शामिल थे।

संघर्ष की राह पर रैयत

रैयतों ने ऐलान किया है कि जब तक उनकी जमीन से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उनका यह आंदोलन प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ एक कड़ा संदेश है।