60 में चार मरीजों में पाए गए कैंसर के लक्षण
सही समय पर इलाज शुरू हुआ तो ठीक हो सकता है कैंसर:डॉ सौरव कुमार
सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर से होती है सबसे अधिक मौतें:डॉ शिवानी झा
हर महिला को साल में एक बार कैंसर की जांच करवाना जरूरी:डॉ नेहा प्रियदर्शनी
KATRAS | 16 जुलाई 2023 को दोपहर 12:30 बजे झारखण्ड कैंसर सेंटर राँची, श्री कृष्णा मातृ सदन कतरास एवं धनबाद ऑब्स एंड गायनी सोसाईटी के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय कैंसर जाँच शिविर का आयोजन श्री कृष्णा मातृ सदन, रानी बाजार कतरास में किया गया। इस शिविर में कैंसर जागरूकता स्क्रीनिंग, ब्रेस्ट कैंसर, सरभाईकल कैंसर सहित अन्य सभी प्रकार जाँच मुफ्त में की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ सौरव कुमार, डॉ अमर प्रेम, डॉ गायत्री सिंह, डॉ शिवानी झा, डॉ नेहा प्रियदर्शिनी, डॉ विश्वनाथ चौधरी, विजय कुमार झा आदि ने सयुक्त रूप दीप प्रज्वलित कर किया गया। कुल 60 मरीजों का मुफ्त में स्क्रीनिंग टेस्ट, कोलोकोस्कोपी एवं ब्रेस्ट से सम्बंधित जाँच की गई। जिसमें चार मरीज में कैंसर के लक्षण पाए गए। डॉ सौरव कुमार ने मरीजों को सम्बोधित करते हुये कहा कि कैंसर कोई बड़ी बीमारी नहीं है यदि इसका ईलाज सही समय पर किया जाय वह ठीक हो सकता है, प्रेस को सम्बोधित करते हुए डॉ शिवानी झा ने कहा कि कैंसर बीमारी का एक ऐसा नाम है, जिसका नाम सुनते ही लोगों की जेहन में डर पैदा हो जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि जानकारी के अभाव में मरीज पहला स्टेज, दूसरा स्टेज, तीसरा स्टेज पारकर, चौथी स्टेज में पहुंच जाते हैं और अंत में उनकी मौत हो जाती है। कैंसर से होने वाली मौतों में सबसे अधिक मौत सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से होती है। जिसका मुख्य कारण है महिलाओं में जानकारी का अभाव होना, और अधिकांश महिलाएं शर्म के कारण अपने परिवार को अपने रोग के बारे में बता नहीं पाती है। इसलिए इस रोग से बचने के लिए सबसे जरूरी चीज है जागरूकता, इसलिए हमारी संस्था श्री कृष्णा मातृ सदन कतरास, झारखंड कैंसर संस्थान और धनबाद ऑब्स एंड गायनी सोसाईटी ने संयुक्त रूप से आज इस शिविर का आयोजन रखा गया। मौके पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए डॉ नेहा प्रियदर्शनी ने बताया कि पूरे विश्व में प्रति हजार में 30% महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से मरती है। एशियन कंट्री में मृत्यु दर 34% है, जबकि भारत में मृत्यु दर 37% है। इसलिए हर महिला को साल में एक बार जांच करवाना जरूरी है। ज्यादा मरीजों की संख्या ग्रामीण परिवेश से आता है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी जागरूकता का अभाव है महिलाएं अपनी बीमारी के बारे में अपने परिजनों को नहीं बता पाती है। अगर कैंसर के पहले स्टेज या दूसरे स्टेज में पता चलता है तो उसे 100% तक ठीक किया जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर से भारत में हर 8 मिनट में एक मौत होती है। इसलिए लोगों में जागरूकता फैलाना जरूरी है। शिविर में मुख्य रूप से झारखण्ड कैंसर सेंटर रांची के डॉ सौरव कुमार, डॉ अमर प्रेम, धनबाद ओब्स एंड गायनी सोसाईटी की अध्यक्ष डॉ गायत्री सिंह, सचिव डॉ नेहा प्रियदर्शिनी, डॉ शिवानी झा, डॉ विश्वनाथ चौधरी, विजय कुमार झा, मनीषा मीनू, गौतम मंडल, अनंत श्रीकृष्णा, सुरोजीत बनर्जी (झारखण्ड कैंसर सेंटर के प्रतिनिधि), उपस्थित थे। शिविर को सफल बनाने में श्री कृष्णा मातृ सदन के सभी स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।