लिटिल मैगजीन मेला: जागरूकता के लिए प्रभात फेरी का आयोजन

लिटिल मैगजीन मेला

लिटिल मैगजीन मेला

लिटिल मैगजीन मेला: धनबाद में आयोजित तीन दिवसीय चतुर्थ लघु पत्रिका मेला का शुभारंभ 28 फरवरी को लिंडसे क्लब, हीरापुर में किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन “शिल्पे अनन्या” बंगला पत्रिका द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य लघु पत्रिकाओं के महत्व को बढ़ावा देना और साहित्य प्रेमियों को इससे जोड़ना है। मेले के दूसरे दिन, धनबाद वासियों के बीच इस आयोजन की जानकारी और पुस्तकों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रभात फेरी का आयोजन किया गया।

Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
WhatsApp Channel Join WhatsApp

प्रभात फेरी: साहित्य प्रेम को पुनर्जीवित करने का प्रयास

इस प्रभात फेरी में नौ राज्यों से आए साहित्यकारों, लेखकों, कवियों और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। फेरी की शुरुआत लिंडसे क्लब से हुई और यह मुख्य डाकघर, रणधीर वर्मा चौक होते हुए पुनः लिंडसे क्लब पहुंची। इस दौरान साहित्य प्रेम को बढ़ावा देने वाले प्रेरणादायक संदेश दिए गए, जैसे –

  • “एक किताब जितना वफादार कोई दोस्त नहीं।”
  • “तुम किताबों के सामने झुक जाओ, यह तुम्हारे सामने दुनिया झुका देगी।”
  • “किताब पढ़ना हमें अकेले में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी देता है।”

आयोजन समिति के विचार

प्रो. दीपक कुमार सेन (संपादक, शिल्पे अनन्या एवं अध्यक्ष, आयोजन समिति)

उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “मेरे जीवन का सपना है कि लोगों को हमेशा पुस्तकों से जोड़ कर रखा जाए। पुस्तकें न केवल ज्ञान का भंडार हैं, बल्कि यह समाज और संस्कृति को भी समृद्ध करती हैं।”

डॉ. काशी नाथ चटर्जी (सचिव, आयोजन समिति एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारत ज्ञान विज्ञान समिति)

उन्होंने कहा, “यह प्रभात फेरी केवल साहित्यकारों, कवियों और लेखकों की यात्रा नहीं थी, बल्कि इसका उद्देश्य उन लोगों को किताबों से जोड़ना है, जो समय के साथ इनसे दूर होते जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि लोगों में नैतिक मूल्यों की पुनः स्थापना हो और वे पुस्तकों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।”

निष्कर्ष

यह लिटिल मैगजीन मेला न केवल साहित्य और पुस्तकों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, बल्कि यह लोगों को विचारशील बनाने और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने का भी एक सशक्त माध्यम है। इस मेले के माध्यम से धनबाद में साहित्यिक चेतना को बढ़ावा देने की दिशा में एक सार्थक पहल की जा रही है।