Mahakumbh: महाकुंभ में बसंत पंचमी का अमृत स्नान में उमड़ा जनसैलाब

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Mahakumbh: आस्था और श्रद्धा का महासंगम

Mahakumbh: महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और संस्कृति का महासंगम है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तट पर आयोजित इस भव्य मेले में करोड़ों श्रद्धालु पवित्र स्नान कर अपने जीवन को पुण्यकारी बनाते हैं। बसंत पंचमी का अमृत स्नान महाकुंभ का एक महत्वपूर्ण पड़ाव होता है, जिसमें संन्यासी, अखाड़े, कल्पवासी और करोड़ों श्रद्धालु मिलकर संगम में पवित्र डुबकी लगाते हैं।

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बसंत पंचमी पर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था की डुबकी

सोमवार को महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान सकुशल संपन्न हुआ। इस पावन अवसर पर सभी प्रमुख अखाड़ों ने संगम में स्नान कर आध्यात्मिक आस्था को प्रकट किया।

स्नान के प्रमुख आंकड़े:

  • रात 8 बजे तक 2 करोड़ 57 लाख श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके थे।
  • इनमें 10 लाख कल्पवासी और 2 करोड़ 47 लाख श्रद्धालु शामिल थे।
  • 13 जनवरी से 3 फरवरी की रात 8 बजे तक 37 करोड़ 44 लाख से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके थे।
  • महाकुंभ को 23 दिन पूरे हो चुके हैं और अब तक श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है।

बसंत पंचमी के दिन श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था, हर तरफ हर-हर गंगे और जय गंगा मैया के जयघोष गूंज रहे थे।

रेल मंत्री की समीक्षा और प्रबंधन पर विशेष ध्यान

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रयागराज में रेलवे बोर्ड के वार रूम में स्थिति की समीक्षा की।

रेलवे प्रबंधन के लिए दिए गए निर्देश:

  • प्रयागराज क्षेत्र में चलाई जा रही नियमित एवं विशेष गाड़ियों के संचालन की विस्तृत जानकारी ली गई।
  • स्टेशन प्रबंधकों को निर्देश दिया गया कि सभी स्टेशनों और सर्कुलेटिंग क्षेत्रों में यात्री सुविधाओं का कुशल प्रबंधन किया जाए।
  • वार रूम में तैनात अधिकारियों को 1200 कैमरों की निगरानी लगातार करते रहने और आवश्यकतानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
  • संगम स्नान के लिए आने वाले और वापस जाने वाले यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने के विशेष प्रयास किए गए।

महाकुंभ: आस्था, श्रद्धा और कुशल प्रबंधन का संगम

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और उनकी सुविधाओं को सुचारू रूप से संचालित करना एक बड़ी चुनौती होती है। लेकिन रेलवे, पुलिस प्रशासन और स्वयंसेवकों के संगठित प्रयासों से इस महायज्ञ को सफल बनाया जा रहा है। बसंत पंचमी का अमृत स्नान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि प्रशासन के कुशल प्रबंधन का भी परिचायक रहा।

आने वाले दिनों में महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ेगी, लेकिन कुंभ नगरी पूरी तरह से तैयार है, ताकि हर श्रद्धालु अपने इस आध्यात्मिक अनुभव को आनंदमयी और यादगार बना सके।