National News || बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार का बड़ा कदम, 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट होगा अब मुश्किल

Government Guide Line

National News || केंद्र सरकार ने बच्चों की डेटा सुरक्षा और ऑनलाइन गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता या अभिभावक की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। यह निर्णय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा पेश किए गए व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम (डीपीडीपी) 2023 के तहत लिया गया है।

Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
WhatsApp Channel Join WhatsApp

नीति का उद्देश्य

इस कदम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को ऑनलाइन खतरों, गलत सूचनाओं और साइबर बुलिंग से बचाना है। इस नीति के तहत:

  1. बच्चों को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जिम्मेदारी से व्यवहार करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
  2. माता-पिता को बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी का अधिकार दिया जाएगा।
  3. बच्चों के डेटा की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

नियमों का पालन और जुर्माने का प्रावधान

इस अधिनियम के तहत, यदि कोई सोशल मीडिया कंपनी या डेटा फिड्यूशरी नियमों का पालन नहीं करती है, तो उस पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह नियम कंपनियों को बच्चों के डेटा की सुरक्षा के प्रति अधिक जिम्मेदार बनाने के लिए लागू किया गया है।

सुझाव और परामर्श प्रक्रिया

सरकार ने इन नियमों को प्रभावी बनाने के लिए नागरिकों, संगठनों और तकनीकी विशेषज्ञों से सुझाव मांगे हैं। सुझाव देने की अंतिम तिथि 18 फरवरी निर्धारित की गई है। प्राप्त सुझावों का अध्ययन कर मसौदे में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे, ताकि ये नियम सभी के लिए उचित और व्यावहारिक बन सकें।

डिजिटल युग में बच्चों की सुरक्षा की जरूरत

आज के समय में स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। छोटे बच्चे भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय हैं, जिससे उनका डेटा गलत इस्तेमाल होने और ऑनलाइन खतरों का शिकार बनने का जोखिम बढ़ गया है। इस संदर्भ में, यह अधिनियम बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा और गोपनीयता को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।

सरकार का यह निर्णय न केवल बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि कंपनियों को जिम्मेदार व्यवहार अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगा। यह पहल डिजिटल युग में बच्चों और माता-पिता के बीच जागरूकता और सुरक्षा का एक नया अध्याय लिखेगी।