National News: झारखंड में एटीएस ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर हिज़्ब उत-तहरीर, अलकायदा और आईएसआईएस से जुड़े चार युवकों को गिरफ्तार किया
National News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, झारखंड एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में शनिवार की सुबह बड़ी छापेमारी की। एटीएस ने हिज़्ब उत-तहरीर (एचटीयू), अलकायदा (एक्यूआईएस), और आईएसआईएस जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों को पकड़ने के लिए एक साथ 20 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से हथियार, कारतूस और अन्य संदिग्ध सामग्री बरामद की गई।
संदिग्धों से बरामद हथियार और सामग्री
एटीएस टीम ने धनबाद के विभिन्न इलाकों जैसे वासेपुर, शमशेर नगर, और अमन सोसाइटी में छापेमारी की। वासेपुर में गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में गुलफाम हसन और आयान जावेद शामिल थे, जिनके पास से दो पिस्टल और 12 कारतूस बरामद किए गए। इसके अलावा, शमशेर नगर में शहजाद आलम और उसकी पत्नी शबनम परवीन के घर से प्रतिबंधित किताबें, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल, और लैपटॉप भी जब्त किए गए।
गिरफ्तारी और पूछताछ
गुलफाम हसन और आयान जावेद ने छापेमारी के दौरान घर से भागने की कोशिश की, लेकिन एटीएस टीम ने उन्हें तोपचांची क्षेत्र में गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से भी अवैध हथियार और अन्य संदिग्ध सामग्री मिली। एटीएस ने इन दोनों से घंटों पूछताछ की और फिर उन्हें धनबाद ले आई। एटीएस के सूत्रों के अनुसार, ये संदिग्ध संगठन से जुड़े लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से गुमराह कर रहे थे और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे थे।
गिरफ्तार संदिग्धों की पहचान
गिरफ्तार किए गए चार संदिग्धों की उम्र 20 से 21 वर्ष के बीच है। इनमें से गुलफाम हसन और आयान जावेद की उम्र 21 वर्ष है, जबकि शहजाद आलम और उसकी पत्नी शबनम परवीन की उम्र लगभग 20 वर्ष है। एटीएस ने इन्हें रांची ले जाने की योजना बनाई है, जहां उनसे पूछताछ की जाएगी और मामले का खुलासा किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर अफवाहें
एटीएस की इस कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैल गईं। कुछ लोगों ने इसे पाकिस्तान से जुड़े आतंकी हमले के रूप में पेश किया, जबकि कुछ ने इसे जाति और धर्म से जोड़ा। हालांकि, एटीएस और पुलिस ने इस संबंध में कोई भी जानकारी देने से इंकार किया है।
निष्कर्ष: एटीएस की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण संकेत है कि झारखंड में आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। ये गिरफ्तारियां इस बात की ओर इशारा करती हैं कि आतंकी संगठन अब युवाओं को अपने नेटवर्क में जोड़ने के प्रयास में हैं, और सुरक्षा एजेंसियां इस पर पूरी नजर बनाए हुए हैं।