National News: शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था, “मैं जब भी सदन में खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता।” प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे मात्र आरोप नहीं, बल्कि सच्चाई करार दिया। उन्होंने कहा कि बार-बार आरोप लगाने की बात हमें सत्य से दूर ले जाती है, लेकिन यह हकीकत है कि विपक्ष के नेता को सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है।
लोकतांत्रिक मूल्यों पर सवाल
प्रियंका चतुर्वेदी ने सवाल उठाते हुए कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का कार्य सिर्फ स्टेटमेंट पढ़ना और फिर कार्यवाही स्थगित करना नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में ‘राइट टू रिप्लाई’ का अधिकार भी होता है, लेकिन इसे विपक्ष के नेता को नहीं दिया जा रहा। वहीं, प्रधानमंत्री अपनी बात पूरी स्वतंत्रता से रखते हैं, लेकिन राहुल गांधी जैसे नेता को बार-बार रोका जाता है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लोकसभा अध्यक्ष, जो एक संवैधानिक पद पर आसीन हैं, बीजेपी के नैरेटिव को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।
राज्यसभा में भी विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप
प्रियंका चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि ऐसा ही नजारा राज्यसभा में भी देखने को मिलता है। जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी बात रखने के लिए उठते हैं, तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि “क्या यही लोकतंत्र है?” देश को यह जानना चाहिए कि संसद में क्या हो रहा है।
कुणाल कामरा विवाद पर कड़ा बयान
कुणाल कामरा के विवाद को लेकर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि “देश में बेरोजगारी, गरीबी, महिलाओं पर अत्याचार जैसे गंभीर मुद्दे हैं, लेकिन रोज़ का एजेंडा कुणाल कामरा पर बनाया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि इस समय सबसे बड़ा मुद्दा एक जोक बना दिया गया है, जिस पर महाराष्ट्र सरकार में बैठे कुछ लोग अत्यधिक असहिष्णुता दिखा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार में शामिल कुछ “गुंडों” ने ऑफिस में जाकर तोड़फोड़ की और फिर बीएमसी को कार्रवाई के लिए भेज दिया। उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के हर व्यक्ति को पता है कि “एकनाथ शिंदे कौन हैं।”
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कुणाल कामरा का बयान न तो अपमानजनक था, न ही कोई आपत्तिजनक शब्द था। यह सिर्फ एक सच्चाई थी, जिससे शिंदे सरकार असहज हो गई और इसी वजह से उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है।
देश के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास
प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “देश में बेरोजगारी, गरीबी और महिला सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दे हैं, लेकिन सत्ता पक्ष इन पर बात करने के बजाय कुणाल कामरा जैसे मुद्दों को तूल दे रहा है।”
उन्होंने अंत में कहा कि “देश की जनता को यह समझना होगा कि असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए किस तरह गैर-जरूरी विवाद खड़े किए जा रहे हैं।”
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