कांग्रेस में अनुशासन को प्रभावी एवं मिशन 2024 को लेकर चर्चा परिचर्चा
DHANBAD | मंगलवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे से एआईसीसी कार्यालय, दिल्ली में मुलाकात कर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सह प्रदेश अनुशासन समिति के चेयरमैन ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने झारखंड में संगठनात्मक मजबूती व संगठन को धारदार, सशक्त व मजबूत बनाने के साथ-साथ आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव संबंधित विषयों को लेकर विस्तृत-चर्चा की गई। मौके पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सह प्रदेश अनुशासन समिति के चेयरमैन ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा की प्रदेश प्रभारी के साथ संगठनात्मक मजबूती एवं प्रदेश के सभी जिलों में गंभीरता के साथ संगठन में अनुशासन को प्रभावी बनाने को लेकर एवं मिशन 2024 के तहत लोकसभा चुनाव संबंधित विस्तृत चर्चा-परिचर्चा हुई,उक्त क्रम में प्रभारी महोदय ने प्रदेश के सभी जिलों में संगठन को मजबूत बनाने के साथ-साथ प्रदेश के सभी जिलों में बूथ स्तर पर संगठन को धारदार,सशक्त व मजबूत बनाने की दिशा में सभी कांग्रेसजनों से एकजूटता के साथ संगठनहित में कार्य करने को लेकर निर्देशित किया गया। आगे श्री सिंह ने कहा कि प्रभारी महोदय से मिलने के क्रम में उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों में संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत बनाते हुए मिशन 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर एकजुटता के साथ सभी कांग्रेसजनों को तैयारी में लग जाने का निर्देश दिया।आगे श्री सिंह ने कहा कि प्रभारी महोदय ने अनुशासन समिति के द्वारा प्रदेश में किए जा रहे कार्यों की सराहना की एवं संगठनात्मक मजबूती के साथ-साथ अनुशासन समिति के द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में अनुशासन को प्रभावी बनाने को लेकर विस्तृत रूप से वार्ता हुई और प्रदेश के सभी जिलों में अनुशासन समिति को नजर रखने के लिए निर्देशित किया गया ताकि संगठन में अनुशासन बरकरार रहे,आगे उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में अनुशासन को प्रभावी बनाने एवं कायम रखने के लिए प्रदेश अनुशासन समिति गंभीर है,संगठन में अनुशासनहीनता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी,झारखंड प्रदेश अनुशासन समिति की पूरे प्रदेश के सभी ज़िलों में कड़ी नजर है,संगठन विरोधी कार्य करने एवं पार्टी के शीर्ष नेताओं व पार्टी के विचारधारा के विरोध में सार्वजनिक तौर पर सोशल मीडिया,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं अखबारों में बयानबाजी किया जाना पार्टी संविधान के विरूद्ध एवं अनुसाशनहीनता में आता है,संघठन में किसी को भी भविष्य में किसी भी प्रकार की कोई शिकायत हो तो वे अपनी बात पार्टी फोरम मे रख सकते हैं पर सीधे तौर पर अगर सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ,समाचार पत्रों के माध्यम से पार्टी विरोधी कोई बयान देता है या फिर सोशल मीडिया में पार्टी विरोधी विषयों को प्रसारित करता है तो वैसे नेता,कार्यकर्त्ता या फिर कोई बड़ा नेता हीं क्यों ना हो उसके विरोध प्रदेश अनुशासन समिति अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी,वह चाहे क्यों न कोई कितना बड़ा नेता हो।